इससे पहले की टाइम हाथ से फिसल जाए, बच्चों को जरूर सिखाएं ये बातें

 


 कहते हैं बच्चों का मन चिकनी मिट्टी की तरह होता है। आप कम उम्र में बच्चों को जो भी सिखाएंगे, बच्चे उसी को फॉलो करने लग जाएंगे। ऐसे में आपको मोरल वैल्यूज बचपन में ही सिखानी चाहिए। छोटी-छोटी बातोंं या खेलों के जरिए बच्चों को अच्छी बातें सिखाएं, जिससे कि वे अच्छे इंसान बन सके।

कई बार हम बच्चों की गलत चीजों को भी उनका बचपना समझकर उन्हें कुछ नहीं कहते लेकिन वक्त बीतने के साथ बच्चों की ये गलतियां उनकी आदत बन जाती है।आदतें ही एक इंसान को डिफाइन करती है। ऐसे में टाइम हाथोंं से फिसलने से पहले बच्चों को सिखाना बहुत जरूरी है।

किसी का मजाक न उड़ाना- बच्चों को सिखाएं कि किसी के अलग होने का मजाक न उड़ाएं। किसी की आवाज, शक्ल, बैकग्राउंड या फिर किसी बीमारी से जूझ रहे इंसान का मजाक न उड़ाएं।

सम्मान करना सिखाएं- बच्चों को बिना किसी भेदभाव के सम्मान करना सिखाएं। बच्चों को हर किसी का सम्मान करना सिखाएं।


 किसी को देखकर जलन न रखें- बचपन से ही बच्चों को सिखाएं कि किसी की अचीवमेंट को देखकर किसी को चिढ़ना नहीं है। बच्चो को सिखाएं कि दूसरों की खुशी को देखकर खुश होना है।

जानवरों के प्रति सेंसटिव रहना सिखाएं- आपने कई बच्चों को देखा होगा, जो जानवरों को देखते ही मारना शुरू कर देते है।बच्चों को बताएं कि जानवरों में भी इंसानोंं की तरह की भावनाएं होती हैं। उन्हें प्यार से ट्रीट करना चाहिए।

हेल्दी कॉम्पिटिशन- बच्चों को जीतने के साथ हार को स्वीकार करना भी सिखाएं। हारने पर जीतने वाले से सीखना है ना कि उससे चिढ़ना है।