छत्‍तीसगढ़ के 'कप्तान' को लेकर दिल्‍ली में हलचल

 


 रायपुर। छत्तीसगढ़ के 'कप्तान" को लेकर दिल्ली में हफ्तेभर से चल रही खींचतान का असर पुलिस अफसरों पर भी नजर आ रहा है। सरकार और सरकार के करीबी लोगों से जुड़े कुछ पुलिस अफसर रायपुर से लेकर सरगुजा, दिल्ली तक नजर बनाए रखी थी। सोमवार को जब एक नेताजी फिर दिल्ली उड़े, तो ये अफसर एक बार फिर सक्रिय हो गए। बंगलों के बाहर इनकी टीम नजर आ रही थी।

पांच दिन पहले यही अफसर नेताओं को दिल्ली भेजने की जिम्मेदारी उठा रहे थे। कुछ अफसरों ने कप्तान बदलने की संभावनाओं को भांप लिया और दूसरे नेताओं से जुड़े लोगों से भी संपर्क शुरू कर दिया था। अधिकारी भी फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। कुछ अभी भी 'देखो और इंतजार करो' की नीति में विश्वास जमाए हुए हैं। बहरहाल, बॉस कोई भी बने, लेकिन राजनीतिक उठापटक ने पुलिसकर्मियों की ड्यूटी जरूर लंबी और तनावपूर्ण कर दी है।  

रसूखदारी की निकली हवा
राजधानी में एक रसूखदार को रंगदारी दिखाना पिछले दिनों भारी पड़ गया। उसकी हरकत से नाराज हिस्ट्रीशीटर ने उसे समझाने की कोशिश की, तो वह अपना रसूख दिखाता हुआ सिपहसालारों के साथ शास्त्री मार्केट पहुंच गया और उसे चमकाने लगा। इस पर हिस्ट्रीशीटर ने अपना पुराना पैंतरा सबके सामने दिखा दिया। इससे रसूखदार की हवाइयां उड़ने लगीं। सिपहसालार तो अपनी जगह से हिल भी नहीं पाए। इस दौरान शास्त्री मार्केट में मौजूद एक पुराने रसूखदार ने हिस्ट्रीशीटर को समझाया और रसूखदार को जाने को कह दिया। इस घटना से राजनीतिक, पुलिस और आपराधिक गलियारे गर्म हो गए। रसूखदार के शुभचिंतकों को इसकी भनक लगी तो उससे संपर्क करने की कोशिश की। इस पर उसने खुद को दूसरे राज्य में होने बात कह दी। अब उसकी हालत यह है कि परिचितों से भी मिलने से डर रहा है। पूरे मामले में पुलिस साइलेंट मोड पर चली गई है।