छत्‍तीसगढ़ में 10 मेडिकल कालेजों में हैं 1,910 सीटें, नए सत्र में प्रवेश लेने मान्यता मिलने का इंतजार

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के 10 मेडिकल कालेजों को शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए मान्यता मिलने का इंतजार है। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की तरफ से हर वर्ष मेडिकल कालेजों को लेटर आफ परमिशन (एलओपी) दी जाती है। सात शासकीय और तीन निजी मेडिकल कालेजों को अभी तक एलओपी नहीं मिली है। कालेज प्रबंधन को अनुमान है कि मई के अंतिम सप्ताह तक एनएमसी की तरफ से एलओपी मिल जाएगी। इससे एमबीबीएस की 1,910 सीटों में प्रवेश का रास्ता खुल जाएगा। वहीं जगदलपुर, कांकेर और रायगढ़ मेडिकल कालेजों को मान्यता मिल चुकी है। यहां पर 350 सीटें हैं। जगदलपुर और कांकेर मेडिकल कालेज में 125-125 सीटें हैं और रायगढ़ मेडिकल कालेज में 100 एमबीबीएस की सीटें हैं। मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा पांच मई हो चुकी है। परीक्षा परिणाम भी संभावित 14 जून को आ जाएगा। परीक्षा परिणाम आने से पहले इन कालेजों को भी मान्यता मिलने की संभावना है। इसके बाद ही सीटें निर्धारित होती है। सीटें निर्धारित होने के बाद ही काउंसिलिंग में शामिल होती है। रायपुर के पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कालेज को 230, दुर्ग 200, सिम्स बिलासपुर 180, अंबिकापुर 125, राजनांदगांव 125, कोरबा 125, महासमुंद 125 तथा निजी कालेजों में बालाजी, रिम्स रायपुर व शंकराचार्य भिलाई को एलओपी का इंतजार है। एलओपी आने पर ही इन कालेजों में नए सत्र में प्रवेश होंगे। जानकारी के मुताबिक एनएमसी की तरफ से बालाजी मेडिकल कालेज में पीजी पाठ्यक्रम को मान्यता दे दी है। इसके मुताबिक 23 सीटों में पीजी की पढ़ाई होगी। स्किन और बायो केमेस्ट्री में चार-चार, मेडिसिन में आठ, पीएसएम में पांच, इमरजेंसी मेडिसिन में दो सीटें शामिल है। अभी तक प्रदेश में पीजी की 405 सीटें थी, अब बढ़कर 428 हो गई है।