कोंडागांवl आपने पतिव्रता सावित्री और उनके पति सत्यवान की कहानी पढ़ी होगी। इसमें सावित्री ने यमराज के बंधन से अपने पति को छुड़ा लिया था। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के इंगरा गांव में सामने आया है। यहां एक महिला ने लकड़बग्घे से लड़कर अपने पति की जान बचाई। लकड़बग्घे के हमले में महिला का पति खतरे से बाहर है। दरअसल, इंगरा निवासी नंदू राम यादव (32) का मकान बस्ती के अंतिम छोर पर है। नंदू राम ने खेत में भुट्टे की फसल लगाई हुई है। घर से लगा हुआ कुछ दूरी पर जंगल भी है। सोमवार तड़के नंदू पौधों में खाद डालने के लिए खेत गया हुआ था। इस बीच अचानक जंगल की ओर से उसके खेत में लकड़बग्घा आ धमका और उस पर हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से नंदू नीचे गिर पड़ा। उसके शरीर के अंगों को लकड़बग्घा नोंचने लगा। नंदू की चीख सुनकर घर में रसोई में काम कर रही उसकी पत्नी सुगनी (28) दौड़ते हुए खेत में आई और सामने का नजारा देखकर हतप्रभ रह गई। हालांकि लकड़बग्घे के हमले में नंदू के हाथ, पीठ व पांवों में चोटें लगी हैं। वहां से नंदू को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, जहां से उपचार छु्ट्टी दे दी गई है। घटना की सूचना मिलने के बाद वन अमले की टीम ने लकड़बग्घा का शव अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पशु अस्पताल भेजा है। वहीं महिला को वन विभाग द्वारा मुआवजा प्रदान किए जाने के लिए प्रकरण तैयार करने की प्रक्रिया जारी है। फिलहाल गांव के सरंपच समेत अन्य नागरिकों ने महिला के इस साहस के लिए उसे शाबाशी दी है। दरअसल जंगल से सटे होने के नाते इस बस्ती में कभी-कभार जंगली जानवरी आ जाते हैं। पूर्व में भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं।उसने फौरन पास रखा बांस का मोटा डंडा उठाया और लकड़बग्घे पर वार करना शुरू कर दिया। लेकिन इसके बाद लकड़बग्घा उसके पति को नहीं छोड़ रहा था। इसी दौरान सुगनी ने पूरी ताकत लगाकर लकड़बग्घे के सिर पर हमला किया तो उसने नंदू का पैर छोड़ दिया। वहीं सुगनी के हमले से लकड़बग्घा भी वहीं ढेर हो गया।
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