रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस का मानवीय चेहरा देखने को मिला है। यहां पंडरी पुलिस ने आटो में छूटे बैग को तलाश कर पूरे सामान सहित शिकायतकर्ता के सुपुर्द कर दिया। अब रायपुर पुलिस की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है। दरअसल, शंकरनगर के अशोका रतन सोसायटी में रहने वाली दीपाली गुप्ता तीन फरवरी को रांची से ट्रेन से वापस रायपुर आ रहीं थीं। दीपाली रात 10 बजे रायपुर पहुंचींं। इसके बाद दीपाली रेलवे स्टेशन से आटो लेकर अपने घर अशोका रतन सोसायटी जाने के लिए रवाना हुईंं। दीपाली रात लगभग 11ः15 बजे अपने घर पहुंची और आटो में रखे सामान उतारींं। लेकिन दीपाली के पास एक बैग भी था, जिसे आटो से उतारना भूल गई। दीपाली के अनुसार इस बैग में उसके सोने के जेवरात और कैश रखे थे, जिसकी कीमत लगभग 5 लाख 50 हजार रुपये थी। थोड़ी देर बाद दीपाली ने जब अपने बैग को ढूंढा तो वो उसे नहीं मिला। दीपाली ने तुरंत आटो की तलाश की, लेकिन वो वहां से जा चुका था। इसके बाद दीपाली ने पंडरी थाना के साथ एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट में घटना की जानकारी दी। इसके बाद से पंडरी थाना और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की टीम ने स्टेशन से शंकरनगर के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कराई। विभिन्न माध्यमों की सहायता से संबंधित आटो की तलाश करती रही। पुलिसकर्मियों ने रेलवे स्टेशन आटो स्टैंड के साथ अन्य जगहों पर जाकर उस आटो चालक के बारे में जानकारी ली। आखिरकार तीन दिन बाद पुलिस को सफलता मिल ही गई। उन्हें वह आटो चालक मिल गया। पुलिस उरला थाना के बीरगांव गाजीनगर में बाबू खान के घर पहुंची। पूछताछ में आटो चालक ने बताया कि उसके आटो में तीन दिन पहले महिला का एक बैग छूट गया था। यह बैग उसके पास सुरक्षित है। इसके बाद पुलिस ने बैग को अपने कब्जे में लिया। पंडरी पुलिस ने तीन दिन पहले गुम हुए बैग को उसमें रखे सामान के साथ शिकायतकर्ता के सुपुर्द कर दिया। अपने गुम बैग और सामान को वापस पाकर दीपाली की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दीपाली और उनके स्वजनों ने रायपुर पुलिस की प्रशंसा करते हुए धन्यवाद दिया। दीपाली ने बताया कि तीन दिन पहले बैग खो जाने के कारण तनाव में आ गई थी। पंडरी पुलिस और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट ने उनके चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है। दीपाली ने रायपुर पुलिस के इस प्रयास की काफी सराहना की।
AD2
Social Plugin