दुकान से लौट रही बच्ची को बाइक सवार ने रौंदा, इलाज के दौरान मौत

 

 पाटन । दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक में सड़क दुर्घटनाओं का दौर नहीं थम रहा है। उत्तर पाटन के ग्राम भाठागांव (औरी) में एक आठ वर्षीय बालिका को बाइक सवार ने चपेट में ले लिया। घटना में बच्ची की मौत हो गई । लगातार हो रहे हादसों के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए ब्रेकर बनाने की मांग की है। जानकारी के मुताबिक घटना शनिवार की सुबह करीब नौ बजे हुई। भाठागांव (औरी) में रहने वाले प्रकाश निषाद की बेटी नम्रता निषाद (8) दुकान में सामान खरीदने गई थी। वहां से घर लौट रही थी। इस दौरान ही तेज रफ्तार बाइक की चपेट में आ गई। नम्रता तीसरी की छात्रा थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बाइक चालक शराब के नशे में था। वह बाइक को नियंत्रित नहीं कर पाया। घटना में बाइक सवार भी गंभीर रूप से घायल हुआ। घायल बालिका और बाइक चालक दोनों को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां घायल बच्ची ने दम तोड़ दिया। वहीं बाइक चालक की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।  ग्रामीणों का कहना है कि उक्त सड़क पर दो पहिया व चार पहिया के साथ ही भारी वाहनों का दबाव काफी हो गया है। भिलाई-तीन पुरैना से फ्लाई ऐश लेकर आने वाले भारी वाहनों के अलावा लौह अयस्क लेकर चलने वाले भारी वाहन भी इधर से आते हैं। वाहनों की तेज रफ्तार की वजह से हर पल दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बता दें कि मोतीपुर चौक पर ही कुछ माह पहले कैप्सूल वाहन ने बाइक को चपेट में ले लिया था, जिसमें भाठागांव (औरी) में ही रहने वाले पिता-पुत्र की मौत हो गई थी। दुर्ग-पाटन रोड के चौड़ीकरण के बाद दुर्घटनाओं का सिलसिला बढ़ा है। अच्छी रोड होने से यहां पर वाहन चालक तेज रफ्तार से वाहन दौड़ाते हैं। हाल की दो घटनाओं में कार चालकों ने बाइक व स्कूटी को ठोकर मारने के बाद तेज गति की वजह से दूर खेत में जा घुसे थे। करीब 20 किलोमीटर तक सेलूद से पाटन तक ज्यादा हादसे हो रहे हैं। करीब पांच माह में 16 से अधिक हादसे छह की मौत हो चुकी हैं। इसके अलावा कई और जनहानि भी हुई है। मिडिल कट के आसपास कोई संकेतक भी नहीं है। लगातार दुर्घटना पर प्रशासन गंभीरता नहीं दिख रहा है, जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। पाटन क्षेत्र में भारी वाहनों का दबाव बढ़ने लगा है। इसके कारण भी आए दिन सड़क दुर्घटना हो रही हैं। पाटन से दुर्ग फोरलेन के अलावा पाटन के ग्रामीण अंदरूनी क्षेत्रों में जो सड़क सकरी थी, उसका चौड़ीकरण कर उसे सरपट वहां दौड़ने लायक बनाया गया है। इस कारण भी अब अंदरूनी क्षेत्रों में भी बाइक सवार व बड़े वाहनों की रफ्तार तेज रहती है।