कांग्रेस से बागी होकर अजीत कुकरेजा ने किया नामांकन, बीजेपी की बागी सावित्री जगत भी निर्दलीय लड़ेंगी

 

रायपुर। रायपुर उत्तर की सीट हमेशा की तरह इस बार भी हाईप्रोफाइल दिख रही है। सोमवार को कांग्रेस और बीजेपी के 2 नेताओं ने बागी होकर नामांकन दाखिल कर दिया है। कांग्रेस नेता और पार्षद अजीत कुकरेजा बागी होकर निर्दलीय चुनावी मैदान में आ गए हैं। वहीं बीजेपी से बागी होकर सावित्री जगत ने भी गुरुवार को पूरे शक्ति प्रदर्शन के साथ नामांकन रैली निकाली। अजीत कुकरेजा कांग्रेस से प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन उनकी जगह मौजूदा विधायक कुलदीप जुनेजा को ही पार्टी ने टिकट दिया है। वहीं बीजेपी से सावित्री जगत ने टिकट की मांग की थी लेकिन पार्टी ने पुरंदर मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है।

कुकरेजा के समर्थक तिरंगा लेकर निकले

वहीं कांग्रेस नेता अजीत कुकरेजा भी अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने के लिए रैली निकालकर कलेक्ट्रेट तक पहुंचे। उन्होंने भी निर्दलीय अपना नामांकन दाखिल किया है। सिंधी समाज से किसी को टिकट नहीं मिलने के बाद कुकरेजा को सिंधी समाज का भी पूरा समर्थन मिल सकता है।

अजीत कुकरेजा दो बार पार्षद चुनकर आ रहे हैं वर्तमान में रायपुर नगर मेयर इन काउंसिल के सदस्य भी हैं। इनके पिता आनंद कुकरेजा भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। उत्तर विधानसभा सीट से यह भी सीट के मुख्य दावेदार में से एक थे लेकिन टिकट कटने के बाद वह नाराज चल रहे थे। नामांकन जमा करने के बाद अजीत ने कहा कि, दुखी मन से मैंने निर्णय लिया है इसके अलावा हमारे पास कोई रास्ता नहीं था, बड़ा दुख हो रहा है कि 50 साल से मेरा परिवार कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ा रहा कांग्रेस पार्टी की सेवा की, सरकार भी आई तो कभी भी हमने कोई पद नहीं मांगा।

जिस तरह से जनता का समर्थन मिल रहा है, जन सैलाब मेरी नामांकन रैली में आया था इसका मतलब जनता विकल्प ढूंढ रही है। जनता को एक प्रत्याशी का काम पसंद नहीं आया और एक प्रत्याशी को जनता जानती नहीं है, हम विकल्प बनने की कोशिश करेंगे। यह स्वाभाविक है कि नाम वापसी का समय खत्म होता है तो पार्टी अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई करेगी और इसके लिए मैं तैयार हूं।

मैं वोट काटने की राजनीति नहीं कर रही- सावित्री

वहीं सावित्री जगत जो उत्कल महिला महामंच की प्रदेश अध्यक्ष हैं उन्होंने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी के हाई कमान का निर्णय था जो इन्होंने उत्तर विधानसभा से किसी और को टिकट दिया है, पार्टी को जो उचित लगा उन्होंने किया, मैं जनता के बीच में काम कर रही हूं जनता मेरे साथ है, महिलाओं को मेरे से बहुत ज्यादा उम्मीद है। अगर महिला विधायक आती है तो उनकी समस्या हल कर सकेगी।

अभी तक मैंने भाजपा से सदस्यता नहीं छोड़ी है, लेकिन मैंने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। मैं चुनाव लडूंगी, नामांकन वापस लेने को लेकर कोई प्रश्न ही नहीं उठता जनता मेरे साथ है और जनता चाहती है कि मैं चुनाव लड़ूं। मैं वोट काटने की राजनीति नहीं कर रही हूं।