भारतीय रुपया नए निचले स्तर पर पहुंचा

 

डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया आज नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। घरेलू शेयरों में कमजोरी के बीच वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर घरेलू मुद्रा पर भी पड़ा है। इसके चलते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया दिन के निचले स्तर पर गिरकर 78.68 पर आ गया। सोमवार को रुपया 4 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अभी तक के सबसे निचले स्तर 78.37 पर बंद हुआ था। हालांकि प्रमुख उत्पादकों सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि करने में सक्षम होने की संभावना नहीं होने के कारण आज तीसरे दिन तेल की कीमतों में तेजी आई। भारतीय रुपया हाजिर आज 28 जून को डॉलर सूचकांक के मुकाबले एक नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया, जो कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ इक्विटी बाजारों में निरंतर बिकवाली के कारण हुआ। स्टॉक ब्रोकर मानते हैं कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें एक बार फिर से मुद्रास्फीति के मोर्चे पर चिंताएं वापस ला सकती हैं। उम्मीद है कि साल के अंत तक रुपये की कीमत 80/81 के स्तर तक गिर जाएगी क्योंकि जुड़वां घाटे से उभरती बाजार मुद्रा पर दबाव बढ़ जाता है। जुलाई की बैठक में फेड द्वारा दरों में 75 बीपीएस की बढ़ोतरी की उम्मीद है, जबकि आरबीआई की बैठक अगस्त तक नहीं है। यह भारत और अमेरिका के बीच उपज के अंतर को कम कर सकती है और रुपये पर और वजन कम कर सकती है।