गर्मियों की रात में तापमान बढ़ने से पुरुषों को दिल का दौरा पड़ने या स्ट्रोक से मरने का खतरा अधिक होता है। सामान्य गर्मी के ऊपर केवल एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से ही यह आशंका लगभग चार फीसदी बढ़ जाती है।
बीएमजे ओपन नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार यह जोखिम केवल 60 से 65 वर्ष के पुरुषों को प्रभावित करता है। महिलाओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ब्रिटेन में पिछले 15 वर्षों में हृदय रोग से संबंधित 40 हजार मौतों पर किए गए अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है।
जलवायु परिवर्तन ने चिंता बढ़ाई
वैज्ञानिकों ने कहा, जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मियों की रातें ज्यादा गर्म हो रही हैं। ऐसे में अध्ययन के निष्कर्ष चिंता पैदा करने वाले हैं। समय के साथ इस वजह से मौतें बढ़ सकती हैं। गर्म मौसम हृदय के लिए जोखिम वाला माना जाता है। विशेष रूप से पहले से ही हृदय रोग झेल रहे लोगों के लिए यह ज्यादा कष्टदायक है।
10 वर्षों में ज्यादा बढ़ी समस्या
ब्रिटिश विशेषज्ञों ने हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए गर्म मौसम के खतरों को बताने वाले इस अध्ययन का स्वागत किया। विशेषज्ञों ने कहा, पिछले 10 सालों में गर्मियों की रात में तापमान का बढ़ना अधिक रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में इस अध्ययन के जरिये भविष्य में इससे बचने के उपाय निकाले जा सकते हैं।
ज्यादा उम्र वालों पर असर नहीं
65 से अधिक उम्र वाले पुरुषों में यह जोखिम नहीं पाया गया है। वैज्ञानिक फिलहाल इस वजह को समझ नहीं सके हैं। वहीं, 60 से 65 की उम्र वाली महिलाओं में भी यह समस्या नहीं देखी गई। ऐसे में वैज्ञानिक महिलाओं पर इस जोखिम का अलग से अध्ययन करने पर विचार कर रहे हैं।
बचाव संभव
वैज्ञानिकों ने कहा, रात में सोते वक्त एयर कंडीशनर का प्रयोग, कमरों को गर्म होने से बचाने के लिए पर्दों का इस्तेमाल और सही मात्रा में पानी पीने से इस जोखिम से बचा जा सकता है।
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