पंजाब में मुख्यमंत्री पद के लिए चरणजीत सिंह चन्नी का पलड़ा भारी

 

नई दिल्ली. पंजाब में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) के लिए कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी (CM Candidate of Congress) कौन होगा, यह एक बड़ा सवाल है. जानकारों की मानें तो एक-दो दिन में ही इसका जवाब मिल सकता है. कांग्रेस नेतृत्व इस पर स्थिति स्पष्ट कर सकता है. खबरों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) ने इस सिलसिले में विचार-विमर्श शुरू कर दिया है. इस प्रक्रिया में अब तक पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री (Punjab CM) चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) का नाम आगे बताया जा रहा है.

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस में अंदरूनी स्तर पर राय-मशविरे के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के नाम पर अधिकांश लोगों ने सहमति जताई है. लिहाजा, अब कोशिश इस बात की हो रही है कि मुख्यमंत्री पद के दूसरे मजबूत दावेदार नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) को भी चन्नी पर के नाम पर सहमत कर लिया जाए. एनडीटीवी के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के लिए चन्नी का नाम आगे होने का बड़ा और स्पष्ट संकेत तब मिला जब पार्टी ने उन्हें दूसरी सीट से उतारने का निर्णय लिया. उन्हें पहले चमकौर साहिब से टिकट दिया गया था. लेकिन बाद में भदौर विधानसभा क्षेत्र से भी उतारने की घोषणा कर दी गई.

इससे पहले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी पंजाब के अपने पहले चुनावी दौरे के बीच कहा था, ‘हम जल्द ही मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी (CM Candidate) के संबंध में की जा रही मांग पूरी करेंगे. आम तौर पर हम मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित नहीं करते. लेकिन अगर पंजाब में कांग्रेस (Punjab Congress) के कार्यकर्ता ऐसा चाहते हैं, तो हम किसी एक चेहरे का चुनाव कर लेंगे. हालांकि इसके लिए हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं से ही बातचीत करेंगे. वही तय करेंगे और हमें बताएंगे.’ उन्होंने यह भी स्पष्ट कहा था, ‘दो लोग नेतृत्व नहीं कर सकते. सिर्फ एक ही कर सकता है.’

गौरतलब है कि पंजाब में कांग्रेस (Punjab Congress) के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) दोनों ही खुद मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी (CM Candidate) की तरह पेश कर रहे हैं. दोनों कई मौकों पर कह चुके हैं कि पार्टी को मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के मसले पर रुख स्पष्ट करना चाहिए. ऐसा करने से विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में लाभ होगा. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के दौरे के समय मंच से नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी यह बात रखी थी. इसे उनकी दावेदारी के तौर पर भी देखा गया. हालांकि लगता है कि पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं में उनके नाम पर सर्वसहमति कम है. उन्हें गंभीर दावेदार नहीं माना जा रहा है. याद दिलाते चलें कि पंजाब में  20 फरवरी को विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के लिए वोट डाले जाने हैं.