हाई कोर्ट ने निलंबित आइजी जीपी सिंह की केस डायरी की तलब

 

 बिलासपुर। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने ,भ्र्ष्टाचार और राजद्रोह के आरोप में जेल में बंद निलंबित आइजी जीपी सिंह की जमानत याचिका पर जस्टिस दीपक तिवारी के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट ने केस डायरी तलब करने के साथ ही राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। निलंबित आइजी की जमानत याचिका पर सोमवार को सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता आइपीएस अफसर ने दायर याचिका में कहा है कि पुलिस रिमांड में पूछताछ पूरी होने और उनके द्वारा दी गई जानकारी के बाद भी उन्हें पहले सात दिन की न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया था। विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद 14 दिन के लिए न्यायिक रिमांड में जेल भेजने का आदेश जारी कर दिया है। राज्य सरकार और उनके नियंत्रण में पुलिस विभाग के अफसरों की मंशा उनके प्रति ठीक नहीं है। दायर याचिका में जीपी सिंह ने कहा है कि आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के उन पर जो आरोप लगाए गए हैं उनकी जानकारी देने के लिए उनको पर्याप्त समय चाहिए। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दस्तावेज पेश करने आरोप को झूठा साबित करने के लिए उनका जेल से बाहर आना जरूरी है। याचिकाकर्ता ने लगाए गए आरोप को झूठा साबित करने उन्हें अवसर देने की गुहार लगाई है। मालूम हो कि आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के अफसरों ने फरार चल रहे निलंबित आइजी सिंह को 11 जनवरी को नोएडा से गिरफ्तार किया था। सात दिन की पुलिस रिमांड के दौरान गहन पूछताछ के बाद 18 जनवरी को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया था। इस बीच न्यायिक रिमांड की मांग भी अन्वेषण ब्यूरो के अफसरों ने की थी। मामले की सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने निलंबित आइजी को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया था। विशेष अदालत ने उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए खारिज कर दी थी। विशेष अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आइपीएस अफसर सिंह ने अपने वकील के जरिये छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जमानत याचिका पेश कर जमानत की गुहार लगाई है। याचिका में कहा है कि ब्यूरो की जांच पूरी हो गई है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करने का अवसर नहीं दिया गया है। यह प्राकृतिक न्याय सिद्धान्त के विपरीत है।

राजद्रोह का है आरोप

पुलिस ने जॉच पड़ताल के बाद उनके निवास के बाहर नाली में मिली उनकी डायरी के आधार पर जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है। जीपी ने शीर्ष अदालत में याचीका दायर की थी। शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी है।