रायपुर । छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर राज्यपाल की गरिमा का अपमान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मंडी और विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को लेकर जिस तरह से राज्यपाल पर आरोप लगा रहे हैं वह प्रदेश सरकार के नाकारापन से उपजी राजनीतिक कुंठा का प्रदर्शन करता है। वहीं, मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उन्होंने कोई आरोप नहीं लगाया है बल्कि विधानसभा से पारित विधेयक को लेकर जनता को जानकारी दी है।
मीडिया से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कौशिक के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा से पारित विधेयक के संबंध में जनता को जानने का अधिकार है। इसलिए मैंने केवल जानकारी दी है। उन्हेांने कहा कि राजभवन किसी विधेयक को अतंतकाल तक रोक सकता है, यह उसका अधिकार है, लेकिन अधिकार उपयोग होना चाहिए या दुरुपयोग होना चाहिए। बघेल ने कहा कि सवाल यह है कि आखिर कितने दिन तक अध्ययन होगा।
राज्यपाल या तो लौटा दें या निर्णय दें। वहीं, नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा
कि कांग्रेस के नेता और प्रदेश सरकार राज्यपाल के पद को अपने निकृष्ट
राजनीतिक आरोपों से लांछित करने की शर्मनाक हरकतें कर रहे हैं, उससे उन्हें
बाज आना चाहिए। राज्यपाल को किसी भी विधेयक पर गंभीर विचार मंथन और व्यापक
विमर्श करने का संवैधानिक अधिकार है और उनके संवैधानिक अधिकार को इस तरह
के ओछे राजनीतिक आरोप लगाकर चुनौती देना मुख्यमंत्री बघेल को कतई शोभा नहीं
देता। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक लाकर
प्रदेश सरकार ने कुलपति चयन के राज्यपाल के अधिकार को छीनने की नीयत से
पारित कराया था।
AD2
Social Plugin