हर साल बढ़ रही है रायपुर में स्थित बंजारी माता की प्रतिमा

 


 रायपुर : शहर के प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय परिसर स्थित बंजारी मंदिर गहरी आस्था के लिए जाना जाता है। मन की मनौती के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। ऐसी मान्यता है कि माता रानी भक्तों के कष्ट दूर कर उनकी झोली खुशियों से भर देती हैं। यह मंदिर यहां पर पुरातन काल से है। मंदिर में सुपाड़ी के आकार की माता की प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमा का आकार हर वर्ष बढ़ रहा है। इस साल शारदीय नवरात्र में बंजारी मंदिर परिसर में 600 से अधिक जोत प्रज्वलित है।

यह है मंदिर का इतिहास

मंदिर के पुजारियों की मानें तो पुरातन काल में मां बंजारी यहां रहने वाले बैगाओं और ग्रामीणों के स्वप्न में आई थीं। स्वप्न में मां ने गांव की भिरहा मिट्टी और झाड़ियों के नीचे अपनी मूर्ति होने की बात बताई थी। इसके बाद स्वप्न के अनुसार ग्रामीण उस जगह गए और वहां साफ-सफाई की तो सुपाड़ी में तिलक लगी माता की प्रतिमा दिखाई पड़ी। इसके बाद इस प्रतिमा की स्थापना की गई और पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ किया गया। तब से आस्था का यह मंदिर लोगों में श्रद्धा का भाव प्रकट कर रहा है।

बंजारा जाति की कुलदेवी मानी जाती हैं माता

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि बंजारी माता बंजारा समाज की कुलदेवी हैं। बंजारा समुदाय के लोग यहां अपनी तिथि-नक्षत्र के अनुसार विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। उनकी पूजा-अर्चना भी आकर्षण का केंद्र है। वहीं बंजारों द्वारा माता की स्थापना किए जाने की वजह से माता का नाम बंजारी पड़ा।