मिड-डे मील की जगह पर स्कूलों में ‘पीएम पोषण योजना’ की जाएगी शुरू

 


पीएम मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की अहम बैठक हुई जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘स्कूलों में पीएम पोषण’ योजना के रोल-आउट को मंजूरी दी, जो सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को गर्म पका हुआ भोजन प्रदान करेगी। इसके बारे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि ‘यह योजना मौजूदा मध्याह्न भोजन योजना (मिड डे मिल) को समाहित कर देगी।’

मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह योजना 5 साल तक चलेगी और इसमें 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह योजना भारत के 11.2 लाख स्कूलों में लागू होगी। इस योजना के तहत स्कूल के बच्चों को दिन का खाना मुफ्त दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस स्कीम के तहत स्कूलों में दोपहर के खाने के लिए स्थानीय रूप से उगाए पोषक अनाज का इस्तेमाल किया जाएगा।”

इस योजना में प्री-प्राइमरी के बच्चों को भी कवर किया जाएगा। फिलहाल स्कूलों में मिड डे मील योजना संचालित की जा रही है।

सरकारी स्कूलों से मिड डे मील योजना बंद –

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट मीटिंग की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि सरकार ने पीएम पोषण योजना को अगले 5 साल तक संचालित करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत सरकार कुल 1.31 लाख करोड रुपए खर्च करेगी। इसके लागू होते ही मिड डे मील योजना खत्म हो जाएगी।

इस योजना के तहत क्या बदल जाएगा –

यदि विद्यार्थियों की बात करें तो उनके लिए कुछ नहीं बदलेगा। सिर्फ व्यवस्था बदल रही है। पीएम पोषण योजना केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा मिलकर चलाई जाएगी। गेहूं चावल का इंतजाम केंद्र सरकार करेगी और इसके तहत 60% लागत का भुगतान करेगी। बाकी सब इंतजाम राज्य सरकार को करने होंगे और इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 40% का भुगतान किया जाएगा।