रायपुर : इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन (आईपीए) की छत्तीसगढ़ स्टेट ब्रांच ने कोरोना के दूसरे लहर के पहले वर्ष 2020 में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर कोरोना महामारी के नियंत्रण में फार्मासिस्टों की सेवा लिए जाने की बात प्रमुखता से उठाई थी। इसे मुख्यमंत्री जी ने सहमति देते हुए स्वास्थ्य संचालक को उचित कार्ययोजना बनाने निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी पत्र के आधार पर स्वास्थ्य संचालक महोदय ने राज्य महामारी नियंत्रण एवं टीकाकरण अधिकारी को पत्र लिखकर पंजीकृत फार्मासिस्टों को टीकाकरण अभियान में शामिल करने कहा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राज्य में लगभग 20 हजार पंजीकृत फार्मासिस्ट एवं पांच हजार फॉर्मेसी विद्यार्थी हैं। इतनी बड़ी संख्या में टीकाकरण अभियान के लिए मानव संसाधन मिलने से इसके क्रियान्वयन में तेजी आएगी एवं टीकाकरण की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। टीकाकरण अभियान में काउंसलिंग बहुत ही महत्वपूर्ण है। फार्मासिस्ट टीका लगवाने से पूर्व मरीजों की काउन्सलिंग एवं टीकाकरण के बाद दवा संबंधी सलाह हितग्राही को प्रदान करेंगे।
इससे न केवल टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी, बल्कि टीकाकरण के बाद अधूरी जानकारी होने पर ग्रामीणों द्वारा बुखार आने या अन्य तकलीफ होने पर, जो अफवाह एवं भ्रम फैलता है, उस पर रोक लग सकेगी। फार्मासिस्ट टीकाकरण के बाद पैरासिटामाल एवं अन्य आवश्यक विटामिन की दवा हितग्राही को उचित सलाह देने के साथ बाटेंगे।
ज्ञात हो कि प्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों से यह खबर आ रही है के अप्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा टीकाकरण के बाद पैरासिटामाल दवा की जगह शुगर की या कोई अन्य दवा ग्रामीणों को बाट दी गई है, जो आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
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