छत्तीसगढ़ में 1.44 लाख महिलाओं का आधार अब भी लिंक नहीं, कैसे मिलेगी महतारी वंदन योजना की राशि

 

 रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महतारी वंदन से महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन रही है। राज्य सरकार की ओर से महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रत्येक माह महिलाओं को एक-एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय महतारी वंदन योजना की पांचवीं किस्त आज जारी करेंगे। योजना के अंतर्गत करीब 70 लाख महिलाओं के खाते में 653 करोड़ 84 लाख रुपए अंतरित किया जाएगा। महतारी वंदन योजना का लाभ लेने के लिए महिला के स्वयं के बैंक खाते में आधार लिंक और डीबीटी (डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) सक्रिय होना अनिवार्य है। इससे कुछ महिलाएं अपने घरेलू बजट को व्यवस्थित कर पा रही हैं, तो कुछ इस राशि को अपनी बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में खर्च कर रही हैं, वहीं, कुछ भविष्य के लिए निवेश कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि महतारी वंदन योजना आधार बेस्ड डीबीटी योजना है। आवेदन भरने के समय ही बैंक खाता आधार लिंक एवं डीबीटी सक्रिय होने की शर्त रखी गई थी, इसके बावजूद हितग्राहियों ने लापरवाही बरती है। डीबीटी सक्रिय नहीं होने की कुछ तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ता है। हितग्राहियों के खाते में राशि विलंब से पहुंचती है। छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना का शुभारंभ एक मार्च 2024 को किया गया था। 70 लाख से अधिक हितग्राहियों का पंजीयन हुआ था। विभाग ने विशेष अभियान चलाकर 63 लाख से अधिक हितग्राहियों का आधार डीबीटी से लिंक कराया था। 10 मार्च को पहली किस्त जारी की गई थी। 63.57 लाख हितग्राहियों को डीबीटी तथा 6.48 लाख को एनईएफटी के माध्यम से भुगतान किया गया था। विभाग का मैदानी अमला हितग्राहियों का आधार लिंक और डीबीटी सक्रिय कराने में जुटा है। विभाग जुलाई तक सभी शेष हितग्राहियों के बैंक खातों को आधार लिंक कराकर डीबीटी के माध्यम से भुगतान सुनिश्चित कराने के लिए प्रयासरत हैं। प्रदेश में अभी भी ऐसी लाखों हितग्राही हैं, जो योजना से वंचित हैं। महतारी वंदन योजना 2.0 शुरू होने की उम्मीद लगाए बैठीं हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने आश्वस्त किया था कि जुलाई से वंचितों का आवदेन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बताते चलें कि महतारी वंदन योजना 1.0 के लिए राज्य शासन ने पांच फरवरी से 20 फरवरी 2024 तक आनलाइन और आफलाइन आवेदन जमा करने का समय दिया थे। इसके बाद नए आवेदन की प्रक्रिया को पोर्टल पर बंद कर दिया गया था। लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होते ही आवेदन जमा करने की प्रक्रिया बंद कर दी गई थी।