सरकारी अस्पताल से चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ गायब, दर्द से कराहती महिला ने फर्श पर दिया बच्चे को जन्म

 

 अंबिकापुर: सरगुजा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधा बदहाल होती जा रही है। चिकित्सक,कर्मचारियों की पदस्थापना के बाद भी मरीजों के साथ अन्याय किया जा रहा है।ताजा मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर का है। यहां एक गर्भवती महिला का प्रसव मितानिनों व महिला के स्वजन ने अस्पताल के फर्श पर घर से लाए कपड़ों में करवाया। इसका कारण था कि अस्पताल में न तो चिकित्सक थे और न ही स्वास्थ्य कर्मचारी। अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोगों से फोन पर संपर्क भी किया गया लेकिन एक घण्टे बाद तक न तो चिकित्सक पहुंचे और न ही नर्सिंग स्टाफ। इसी बीच किसी ने लापरवाही को उजागर करती बदहाल व्यवस्था का अपने मोबाइल पर वीडियो बना इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया लेकिन इस बात का ध्यान नहीं रखा कि वीडियो से महिला सम्मान व स्वाभिमान को आघात पहुंच रहा हैं। इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग अपनी नाकामी छिपाने बहानेबाजी कर रहा है। ग्राम नवानगर की मितानिन राजकुमारी सिंह शनिवार सुबह नौ बजे संस्थागत प्रसव के लिए गर्भवती महिला को लेकर नवानगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी। अस्पताल खुला था लेकिन न तो चिकित्सक थे और न ही नर्सिंग स्टाफ। तत्काल मोबाइल से चिकित्सक व नर्सों से संपर्क किया गया। सूचना के बाद भी कोई नहीं पहुंचा। लगभग आधे घण्टे तक प्रसव पीड़ा से कराहती महिला ने फर्श पर घर से लाए कपड़ों में ही बच्चे को जन्म दिया। सामान्य प्रसव के बाद कुछ जटिल परिस्थिति बन गई थी। इससे जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा था। मितानिन व स्वजन ने ही इस कठिन परिस्थिति को संभाला। एक घण्टे से भी अधिक का समय बीत गया था लेकिन कोई नहीं पहुंचा। शासकीय अस्पताल में व्याप्त इस भर्राशाही से स्वजन और मितानिन व्यथित थे। एक मितानिन ,अस्पताल के किसी चिकित्सक से मोबाइल पर बात कर अस्पताल आने की गुहार लगा रही थी, इसी दौरान किसी ने वीडियो बना लिया। एक वीडियो प्रसारित करने लायक नहीं था लेकिन उच्चाधिकारियों के समक्ष बतौर प्रमाण रखने इसे भी प्रसारित कर दिया गया। इस वीडियो में सभी कमरों में खाली कुर्सियां नजर आ रही हैं। नवानगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया वीडियो सरगुजांचल के ग्रामीण क्षेत्रों में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को बयां कर रहा है। इस अस्पताल में चिकित्सकों के अलावा सभी कर्मचारियों को मिलाकर एक दर्जन से अधिक लोग पदस्थ हैं लेकिन समय पर किसी के अस्पताल नहीं पहुंचने से स्वेच्छाचारिता उजागर हो रही है। शासकीय अस्पतालों में ओपीडी के समय भी चिकित्सकों का नहीं रहना गंभीर विषय है। सबसे बड़ी बात है कि लापरवाही और समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने वालों के विरुद्ध कार्रवाई के बजाय उच्चाधिकारी बचाव में लगे हुए हैं। नवानगर के ग्रामीणों का आरोप है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक, कर्णचरियो की पर्याप्त पदस्थापना है लेकिन समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने की शिकायत आम है इसलिए विवश होकर यहां की बदहाल व्यवस्था को सामने लाने का प्रयास किया गया है ताकि अधिकारी इस वीडियो को देखकर व्यवस्था में सुधार लाने की पहल करें।मितानिन राजकुमारी सिंह का कहना है कि यह पहली बार नहीं है। ऐसी घटना अक्सर होती है। मरीजों के प्रति यहां के चिकित्सक कर्मचारी संवेदनशील नहीं हैं।