बृजमोहन अग्रवाल ने बड़े जनादेश के साथ अपना परचम लहराया

 

रायपुर। विधानसभा में मिली बड़ी जीत के छह महीने बाद ही बृजमोहन अग्रवाल का दबदबा कायम रहा और इन्होंने बड़े जनादेश के साथ अपना परचम लहराया।  रायपुर दक्षिण उनका गढ़ माना जाता है, क्योंकि वे  रायपुर दक्षिण से ही लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। उनके रिकार्ड को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि रायपुर लोकसभा की जीत में भी रायपुर दक्षिण की प्रमुख भूमिका रही है।अग्रवाल को बड़ी जीत दिलाने में रायपुर दक्षिण की भूमिका बड़ी रही है। मालूम हो कि छह माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर दक्षिण से कुल 1 लाख 9,263 वोट पाए पाए थे, जबकि उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस पार्टी के महंत रामसुंदर दास को केवल 41,544 वोट मिले थे। इस प्रकार बृजमोहन अग्रवाल ने 67 हजार से ज्यादा वोटों से  रायपुर दक्षिण की बाजी मार ली थी। इसी तरह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी के सुनील सोनी मैदान थे, तब उन्होंने रायपुर दक्षिण से कुल 98,842 वोट प्राप्त किया था, जबकि कुल वोट उन्हें 8,37,902 वोट मिले थे। जानकार बताते है कि भले ही रायपुर लोकसभा के अंतर्गत आठ सीटें आती हैं, लेकिन इनमें भी बृजमोहन की जीत में प्रमुख भूमिका रायपुर दक्षिण को ही माना जा रहा है। विधानसभा 2018 में जब प्रदेश भर में बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब था और  रायपुर उत्तर, रायपुर ग्रामीण व रायपुर पश्चिम विधानसभा की सीट भी बीजेपी नहीं बचा पाई थी। ऐसे समय में बृजमोहन अग्रवाल के गढ़ माने जाने वाले रायपुर दक्षिण ने ही भाजपा की लाज बचाई थी। अग्रवाल ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी कन्हैया अग्रवाल को 17 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। रायपुर दक्षिण में बड़े-बड़े धनाढय परिवारों के साथ ही मध्यवर्गीय परिवार भी काफी ज्यादा हैं।  करीब 33 वर्षों से  रायपुर लोकसभा बीजेपी का गढ़ रहा है। वर्ष 1996 से लेकर 2019 तक लगातार इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है और बीजेपी के इस रिकार्ड को लोकसभा 2024 में भी बीजेपी के कद्दावार नेता और आठ बार के विधायक वृजमोहन अग्रवाल ने बरकरार रखा।  रायपुर लोकसभा के अंतर्गत रायपुर दक्षिण के साथ कुल आठ सीटें आती हैं। इनमें बलौदाबाजार, भाटापारा, धरसींवा, रायपुर ग्रामीण, रायपुर शहर पश्चिम, रायपुर शहर उत्तर, आरंग और अभनपुर शामिल है।जानकारों की माने तो अपनी इस विधानसभा सीट में ही बृजमोहन अग्रवाल समर्थकों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव के लिए अपनी सारी रणनीतियां तैयार कर रहे थे कि उनका चुनावी दौरा कैसा रहेगा, कौन से क्षेत्रों में उन्हें ज्यादा ध्यान देना होगा और कौन से क्षेत्र से अच्छे हैं।