रायपुर । परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी) माँ के लिए अपनी विचार में यह बताए कि माँ ही ऐसी शक्ति है जिनके पास हर तरह की लीला और कला होती है,जिनके पास सारी समस्याओं का समाधान होता है, माँ की एक पल्लू कितने प्रकार की कार्य कर देती है ,मुंह पोछना ,छिपा लेना, पल्लू से हवा देना,पल्लू रुमाल बन जाता है, गठबंधन कार्य भी करता हैं। माँ हर रूप में हमारी रक्षा करती है, माँ के कारण ही हम जीवन में ऊंचाई और सम्मान प्राप्त करते है, जब हम धरती पर आते हैं तो हमारी प्रथम गुरु माँ ही होती है, और ऐसा कोई कार्य नहीं जो माँ के लिए संभव न हो अर्थात हर कार्य मां सरलता से कर देती है मां के रूप में ही ब्रह्मा विष्णु महेश को माता अनसूइया शिशु बना देती है, मां के प्यार पाने के लिए स्वयं भगवान भी तरसते रहते हैं भगवान भी मां के बंधन में बंध जाना चाहते हैं, भगवान कृष्ण जो सबको बंधन मुक्त करते हैं वह नारायण भी माता यशोदा के बंधन में बंध जाते हैं , परमात्मा भी दैत्यों से रक्षा के लिए मां से ही प्रार्थना करते हैं,मां के पास जितने समस्या समाधान होता है वह किसी के पास नहीं है । माँ आदिशक्ति का रूप है, आगे गुरुजी बताए कि माँ तो मां होती है इसमें मुझको क्या कहना है, यदि कहना है तो यह कहना है मेरी माँ का क्या कहना है.. संसार के सभी माताओ को मातृदिवस की शुभकामनायें दिए।
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