जानापाव (इंदौर) । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज भगवान परशुराम की जयंती पर उनके जन्मस्थल इंदौर जिले के जानापाव पहुंचकर कहा कि आदर्श आचार संहिता के हटने के बाद जानापाव को विकसित करके यहां एक केंद्र बनाया जाएगा। डॉ यादव और भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने यहां भगवान श्री परशुराम का पूजन-अर्चन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ यादव ने जनसभा को सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की एक विशेषता है। जब-जब अधर्म बढ़ता है, अवतारी पुरुष समय-समय पर जन्म लेते हैं और प्राणियों के कल्याण के लिए काम करते हैं। ऐसे ही जानापाव की धरती पर भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा कि उज्जैन स्थित सांदीपनी आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा प्राप्त की थी। जब उनकी शिक्षा पूर्ण हुई तो गुरुमाता ने उनसे दक्षिणा स्वरूप अपने बेटे को राक्षस जम से वापस लाने के लिए कहा था। जम से युद्ध करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण को अस्त्र की जरूरत थी, तब अपने गुरु सांदीपनी के कहने पर वे परशुराम जी से मिले, जहां परशुराम जी ने श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र प्रदान किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में सांस्कृतिक अनुष्ठान का पर्व चला रहे हैं और हमारी धरोहरों को बचाने का काम कर रहे हैं। भगवान परशुराम की साधना स्थलियां कई जगह होंगी, लेकिन जानापाव का महत्व इसलिए ज्यादा है क्योंकि यहां पर उन्होंने श्रीकृष्ण को चक्र प्रदान किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जानापाव को विकसित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार काम करेगी और यहां एक केंद्र बनाया जाएगा। जैसे ही आचार संहिता हटेगी, इस परियोजना पर काम करना शुरू करेंगे। भाजपा सरकार ने निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश में जहां भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की लीलाएं हुई हैं, उन सभी स्थलों को तीर्थ बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा महेश्वर से जानापाव तक के सभी किसानों के लिए ड्रिप ऐरीगेशन योजना बनाएंगी। इस क्षेत्र के किसानों की सुविधा के लिए विकास के कार्य हम लगातार करते रहेंगे।
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