बिलासपुर । भूपेश बघेल सरकार में राजद्रोह का आरोप झेल रहे 1994 बैच के आइपीएस अफसर जीपी सिंह को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से राहत मिली है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जीपी सिंह पर लगाए गए राजद्रोह के प्रकरण की प्रोसिडिंग पर रोक लगा दी है। बीते 30 अप्रैल को छत्तीसगढ़ पुलिस के वरिष्ठ आइपीएस अफसर जीपी सिंह को कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) से राहत मिली थी। मामले की सुनवाई के बाद कैट ने चार सप्ताह के भीतर जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकृत कर बहाल करने का आदेश दिया था। जुलाई 2023 में राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। उन पर आरोप लगाया गया था कि उनके सरकारी बंगले से कुछ चिट्ठियां, फटे हुए पन्ने और पेन ड्राइव मिली थीं। जांच में सरकार विरोधी गतिविधियों की बात सामने आई थी। इसी के आधार पर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई। एफआइआर को चुनौती देते हुए उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें उन्होंने षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया है। आइपीएस जीपी सिंह उस वक्त छत्तीसगढ़ पुलिस में पुलिस अकादमी का जिम्मा संभाल रहे थे। उससे पहले वे खुद एसीबी के चीफ रह चुके थे। उनके खिलाफ अवैध वसूली, ब्लैकमेलिंग के जरिए करोड़ों की संपत्ति बनाने की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद एसीबी ने जांच शुरू की थी।
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