बंधक बनाए गए बस्‍तर के 13 मजदूरों को कलेक्‍टर ने कराया रिहा, वापस लौटे घर

 

जगदलपुर। कर्नाटक में बंधक रहे बस्तर जिले के ग्राम कोलेंग के सभी 13 आदिवासी श्रमिक सकुशल घर लौट आए हैं। रोजगार के लिए पलायन कर कर्नाटक पहुंचे इन श्रमिकों ने वहां से संदेश भेजकर कथित ठेकेदार द्वारा घर नहीं लौटने देने की बात जिला प्रशासन तक पहुंचाई थी। संदेश मिलने के बाद कलेक्टर विजय दयाराम के ने प्रशासन, पुलिस और श्रम विभाग की टीम बनाकर श्रमिकों की वापसी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। बुधवार को ये सभी आदिवासी श्रमिक जगदलपुर लौट आए। घर लौटते ही श्रमिकों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर से भेंट की और अपनी पूरी व्यथा सुनाई। सकुशल वापसी के लिए प्रशासन का आभार भी जताया।   श्रमिकों ने बताया कि कुछ माह पहले अधिक मजदूरी की लालसा में सुकमा होते कर्नाटक राज्य के चित्रदुर्गा पहुंचे थे। वहां पांच साथी टेंट के कार्य में और आठ सुपारी के बगीचे में काम करते थे। पिछले तीन-चार माह से पारिश्रमिक नहीं दिया जा रहा था और घर भी लौटने नहीं दिया जा रहा था। बंधक जैसी स्थिति में श्रमिक वहां रहने को विवश थे। बस्तर जिला प्रशासन के हस्तक्षेप से कर्नाटक राज्य में श्रमिकों की मजदूरी दर के हिसाब से 14 हजार सौ रूपए मासिक की दर से 13 श्रमिकों को पांच लाख 93 हजार 500 रूपए ठेकेदार से भुगतान कराया गया। कलेक्टर से श्रमिकों की चर्चा के अवसर पर अपर कलेक्टर सीपी बघेल, संयुक्त कलेक्टर सुनील शर्मा, डिप्टी कलेक्टर हीरा गवर्ना व श्रम विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।