राजभाषा आयोग का तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ी प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा मंत्रालय महानदी भवन में तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ी प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण में मंत्रालयीन अधिकारी कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ी को व्यवहारिक रूप से उपयोग के साथ-साथ शासकीय कामकाज में छत्तीसगढ़ी भाषा में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षिणार्थियों को लोक व्यवहार और प्रशासनिक कार्याे में छत्तीसगढ़ी के उपयोग और शब्दावलियों की विस्तार से जानकारी दी गई। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग नवा रायपुर द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ी प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रथम दिवस 26 फरवरी को लगभग 130 मंत्रालयीन कर्मचारी ने प्रशिक्षण का लाभ लिया। जिसमें छत्तीसगढ़ के जाने माने साहित्यविद् और लेखक डॉ. चितरंजन कर ने व्याख्यान दिया और छत्तीसगढ़ी राजभाषा के प्रशासनिक उपयोग के लिए कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया। कार्यशाला के दूसरे दिन 27 फरवरी को शिक्षाविद डॉ. सुधीर शर्मा द्वारा मंत्रालयीन कर्मचारियों को लोक व्यवहार और प्रशासनिक कार्यों में छत्तीसगढ़ी के उपयोग और शब्दावलियों का ज्ञान प्रदान किया। इसी प्रकार से आज 28 फरवरी को प्रशिक्षण सत्र का अंतिम दिवस मंत्रालय के अवर सचिव और अनुभाग अधिकारी स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल कुमार भतपहरी ने प्रदेश में छत्तीसगढ़ी के सांस्कृतिक महत्व, लोकभाषा, शिक्षा और पाठयक्रम में शामिल करने के संबंध में आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने छत्तीसगढ़ी के संरक्षण और लोक व्यवहार में छत्तीसगढ़ी के प्रयोग को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि हम सभी का छत्तीसगढ़ी के प्रति मया, दुलार और प्रेम-भाव होना चाहिये। प्रशिक्षक सहायक प्राध्यपक डॉ. रोशनी मिश्रा ने छत्तीसगढ़ी को अपने दैनिक व्यवहार में अपनाने बात कही। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा में अब्बड़ मिठास है। उन्होंने छत्तीसगढ़ी वर्तनी, व्याकरण एवं छत्तीसगढ़ी के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंत्रालयीन कर्मचारी अधिकारी संघ के अध्यक्ष श्री महेन्द्र राजपूत, श्री देवलाल भारती सहित अन्य अधिकारी कर्मचारियों ने भी संबोधित किया।