मंत्री के जवाब से नाराज विपक्ष ने किया वाकआउट

 रायपुर। दो दिन के अंतराल के बाद सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है। छठवें दिन की कार्यवाही के दौरान विपक्षी विधायकों ने कई मुद्दों पर हंगामा किया। कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने ध्यानाकर्षण के जरिए कर्ज नहीं पटा पाने से आत्महत्या करने वाले नारायणपुर के किसान हीरू का मामला उठाया। बघेल ने कहा कि किसान हीरू ने एक लाख 82 हजार रुपये का कर्ज बैंक से लिया था। चुनाव में दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का वादा किया गया था। नई सरकार के वादे से मुकरने की वजह से किसान से आत्महत्या की है। इस पर जवाब देते हुए सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि किसान हीरू ने कर्ज पटा पाने की वजह से आत्महत्या नहीं की। किसान ने किसी भी बैंक से कर्ज नहीं लिया था। आपसी झगड़े की वजह से उन्होंने जहर खाया था। इसके बाद सत्तापक्ष के जवाब से नाराज विपक्ष ने किया सदन से बहिर्गमन कर दिया। इसके पहले प्रश्नकाल के दौरान बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण में हुए कार्यों का मुद्दा गूंजा। प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने पूछा कि आदिवासी विकास प्राधिकरणों के द्वारा वर्ष 2023 से 10 जनवरी 2024 तक कुल कितने कार्य व राशि स्वीकृत किए गए है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कम राशि के छोटे-छोटे कार्यों को रोक दिया गया है, जिससे लोग परेशान हो रहे हैं। इस पर आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि जहां ले-आउट नहीं हुआ था, उसे निरस्त किया गया है। उन्होंने कहा कि नई सरकार आई है, हम लोगों की मंशा के अनुसार फिर से इस पर विचार करेंगे। नए प्राधिकरण का गठन होगा। इसमें आप भी शामिल होंगे। आपकी मंशा के अनुसार फिर काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने पुरानी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकार में बिना काम के 40% राशि निकाल दी गई है। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने प्रयास स्कूलों की स्थिति का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रयास आवासीय स्कूलों में हुई अनियमितता की जांच और कार्रवाई की मांग की। मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के बच्चों के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए जो निर्णय भाजपा सरकार में हुए थे, वह 2018 तक जारी था। सरकार बदलने के बाद परीक्षा परिणाम में गिरावट दर्ज की गई। नेताम ने कहा कि जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।