अनुरेखक, सर्वेयर के भर्ती में सिर्फ 12 व 17 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा

 

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के युवाओं को सुविधा देने के लिए शासन की तरफ से भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन निश्शुल्क कर दिया है। अभ्यर्थी निश्शुल्क व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सुविधा का दुरप्रयोग शुरू हो गया है। कम पदों के लिए निकली भर्ती के लिए भी बड़ी संख्या में आवेदन मिलते हैं, लेकिन परीक्षा में बहुत कम युवा शामिल हो रहे हैं। इससे विभाग की फिजूलखर्जी बढ़ी है। भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन कर देते हैं, लेकिन परीक्षा देने नहीं पहुंच रहे हैं। पिछले रविवार को व्यापमं की तरफ से सहायक संचालक, वरिष्ठ सचिव, कनिष्ठ सचिव के 30 पदों के लिए भर्ती परीक्षा ली गई। इन पदों के लिए एक लाख 10 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। परीक्षा में सिर्फ 37 प्रतिशत अभ्यर्थी शामिल हुए। इसी तरह 18 फरवरी को सर्वेयर, अनुरेखक पदों के लिए परीक्षा हुई, जिसमें सर्वेयर में 17 प्रतिशत और अनुरेखक भर्ती परीक्षा में 12 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। सर्वेयर के लिए 18 हजार फार्म मिले थे। 3060 ने परीक्षा दी, जबकि 14940 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। अनुरेखक के लिए 14 हजार फार्म मिले थे, इसमें 1680 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। इसी तरह इस चार फरवरी को व्यापमं से ग्रामीण कृषि अधिकारी के लिए भी भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के लिए 26104 आवेदन मिले थे। इनमें से 14 हजार ने परीक्षा दी, जबकि 12 हजार अनुपस्थित रहे। यह पहली बार नहीं है, जब फार्म भरने के बाद बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा से नदारद रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि छात्रों की सुविधा को देखते हुए आवेदन फीस नहीं लेने का निर्णय लिया गया, लेकिन युवाओं की सुविधा व्यापमं के लिए असुविधा बन गया है। पीएससी व व्यापमं की परीक्षाओं के लिए वर्ष 2022 में शुल्क माफ किया गया था। पहले परीक्षाओं के लिए 200 से 350 रुपए तक शुल्क लिए जाते थे। उस समय अनुपस्थित छात्रों की संख्या कम थी। अधिकांश परीक्षा में उपस्थिति 70 प्रतिशत से अधिक रहती थी। लेकिन अब कई परीक्षाओं में उपस्थिति का आंकड़ा बहुत कम है। 11 फरवरी को छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग(सीजीपीएससी) की ओर से 242 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा ली गई। परीक्षा के लिए 1 लाख 58 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।जिसमें प्रथम पाली में 73.45 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा दी। दूसरी पाली में 72.56 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। प्रारंभिक परीक्षा प्रदेश के 28 जिलों में हुई। पीएससी की भर्ती परीक्षाओं में लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। भर्ती में गड़बड़ियां हो रही है। कोर्ट की तरफ से भर्तियों पर रोक लगा दी गई है। इतना विवाद, भ्रष्टाचार के आरोप के बावजूद पीएससी के प्रति युवाओं का रुझान कम नहीं हुआ है। व्यापमं की अपेक्षा पीएससी भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थी ज्यादा आ रहे हैं।