नवा रायपुर में रेल की उम्मीद बढ़ी, दीवाली तक चल सकती है ट्रेन

रायपुर। नवा रायपुर में रेलवे ने 21 किमी का ट्रैक बिछाया, लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल के पांच वर्ष में स्टेशन नहीं बना पाई। इसकी वजह से नवा रायपुर में 2023 से ट्रेन दौड़ने का फार्मूला फेल हो गया। अब भाजपा सरकार के आने के बाद एक बार फिर नवा रायपुर में रेलवे संचालन की उम्मीद बढ़ गई है। आवास एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के अनुसार, नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) को स्टेशनों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। संभवत: दीवाली 2024 तक नवा रायपुर से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकता है। नवा रायपुर में चार रेलवे स्टेशनों में अटलनगर, उद्योग नगर, सीबीडी, मुक्तांगन का निर्माण एनआरडीए के माध्यम से किया जा रहा है। चारों स्टेशनों के निर्माण के लिए एजेंसियां बनाई गई है। अधिकारियों का कहना है कि नवा रायपुर में एक स्मार्ट स्टेशन बनाया जा रहा हैं। वहीं, तीन सामान्य स्टेशन हैं। यहां 40 से 50 प्रतिशत तक कार्य पूर्ण किया जा चुका है। एनआरडीए के मुख्य अभियंता एचके वर्मा की माने तो निर्माण कार्य तेजी से जारी है। दीवाली तक नवा रायपुर से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकता है। रेलवे ने इस लाइन पर 250-250 मीटर का लंबा रेल पैच बिछाया है। इसमें जुड़ाव कम है, जिससे यात्रियों को झटकें नहीं लगेंगे। नवा रायपुर से मंदिर हसौद के बीच 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाकर ट्रैक की जांच की जा चुकी है। जांच में ट्रैक सही मिलने पर रेलवे ने यहां स्वीकृति प्रदान की। फरवरी 2023 में ट्रैक की जांच की गई थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार, नवा रायपुर में स्टेशनों के निर्माण के समय बजट का ऐसा रोड़ा बना कि टेंडर ही रद करना पड़ा। इसकी वजह से भी कार्यों में लेटलतीफी का सामना करना पड़ा। अधूरे स्टेशनों की वजह से विधानसभा चुनाव के पहले रेल को हरी झंडी दिखाने की योजना भी फेल हो गई। रायपुर रेल मंडल ने यहां जुलाई-2023 को उद्घाटन की रणनीति बनाई थी। नवा रायपुर से मंदिर हसौद तक लगभग 21 किमी रेलवे लाइन बिछाने का कार्य 2023 अक्टूबर तक पूर्ण कर लिया गया था। रायपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम का कहना है कि रायपुर से केंद्री तक मेमू ट्रेन चलाने के लिए सर्वे हो चुका है।