नयी दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि हृदयाघात की स्थिति में मरीज को तुरंत इलाज मिलना चाहिए, इसलिए कार्डियोपल्मोनरी रेससिटेशन (सीपीआर) के लिए जागरूकता और आवश्यक प्रशिक्षण बहुत जरूरी है। डॉ. मांडविया ने यहां सीपीआर प्रशिक्षण पर नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) के राष्ट्रव्यापी जन जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि हृदयाघात के संबंध में आम लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करने की पहल की सराहनीय है। उन्होंने कहा कि हृदय के बेहतरीन स्वास्थ्य को बनाए रखें और संतुलित आहार और व्यायाम को शामिल करते हुए स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है। हृदयाघात से पीड़ित मरीज के आसपास यदि कोई सीपीआर तकनीक में प्रशिक्षित व्यक्ति है, तो वह उसके जीवन को बचाने में सक्षम होगा। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और डॉ. भारती प्रवीण पवार भी मौजूद थी। डॉ. मांडविया ने कहा,“ हृदयाघात के पीड़ित को तत्काल मदद की जरूरत होती है। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि पर्याप्त ज्ञान और प्रशिक्षण के साथ जनता के बीच जागरूकता बढ़े, ताकि हम किसी की जान बचाने में सक्षम हो सकें। इस देशव्यापी अभियान में 20 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए।” उन्होंने निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करते हुए आसानी से होने वाले सीपीआर का प्रदर्शन किया और इसके प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया। यह देश का पहला सीपीआर जागरूकता कार्यक्रम है, जो राष्ट्रीय स्तर पर संचालित किया गया है। इस अभियान के दौरान छात्रों, पेशेवरों और पैरामेडिकल स्टाफ सहित प्रतिभागियों को ऑनलाइन माध्यम से एक ही बैठक में प्रशिक्षण दिया गया।
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