नयी दिल्ली । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें राज्य के लिए लंबित केंद्रीय निधि के मुद्दे पर चर्चा के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक बुलाने का आश्वासन दिया है। सुश्री बनर्जी के साथ तृणमूल कांग्रेस के नौ सांसदों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। तृणमूल सांसद प्रतिनिधिमंडल ने श्री मोदी को एक पत्र भी सौंपा जिसमें राज्य की लंबित केंद्रीय निधि जारी करने का अनुरोध किया गया है। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने मांगों को सुना और उन्होंने आश्वासन दिया कि वह समाधान खोजने के लिए केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक की व्यवस्था करेंगे।” मुख्यमंत्री बनर्जी ने पार्टी के नौ सांसदों के साथ संसर परिसर में संवाददाताओं से कहा कि केन्द्री 150 से अधिक टीमें पहले ही पश्चिम बंगाल को दौरा कर चुकी हैं और उनकी सरकार ने उन्हें लंबित धनराशि के बारे में सभी विवरण और स्पष्टीकरण दिए। उन्होंने कहा, “इससे पहले मैं (ममता बनर्जी) तीन बार प्रधानमंत्री से मिल चुकी हूं। इन परियोजनाओं में केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की हिस्सेदारी होती है। इसलिए केन्द्रीय निधि रोकना ठीक नहीं है।” पत्र में कहा गया है, “विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं और पिछले वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं के लंबित दावों के कारण केन्द्र सरकार पर लगभग 1.16 लाख करोड़ रुपये का बकाया है।” उन्होंने कहा गया है, बकाया राशि मनरेगा, पीएमएवाई, पीएमजीएसवाई और एनएचएम जैसी प्रमुख सामाजिक योजनाओं से संबंधित है। सुश्री बनर्जी ने कहा,“मैंने अतीत में इन मुद्दों को उठाया है और आपके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग करते हुए तीन अलग-अलग मौकों पर आपसे (प्रधानमंत्री) व्यक्तिगत रूप से मुलाकात भी की है। मुझे दुख और अफसोस है कि कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।”
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