कोझिकोड । प्रसिद्ध महिला मलयालम लेखिका एवं केरल साहित्य अकादमी की पूर्व अध्यक्ष पी वलसाला का केरल में कोझिकोड स्थित मुक्कम केएमसीटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हृदय गति रुकने से मंगलवार रात निधन हो गया । वह 85 वर्ष की थीं। उनके परिवार में पति मुरली एम अप्पुकुट्टी और दो बच्चे एम ए मिनी तथा एम ए अरुण हैं। लेखिका का अंतिम संस्कार कल किया जाएगा। श्रीमती वलसाला 1960 के दशक से साहित्य क्षेत्र में सक्रिय थीं और उन्होंने 1969 में पहला उपन्यास ‘ थकरचा’ लिखा था। उन्होंने 17 से अधिक उपन्यास तथा 25 लघु कथाएँ भी लिखीं। वर्ष 1972 में लिखा गया उनका उपन्यास ‘ नेल्लू’ वायनाड में आदिवासी समुदायों के जीवन का वर्णन करता है, जिस पर एक मलयालम फिल्म बन गई और रामू करियाट द्वारा रूपांतरित किया गया। उनका जन्म चार अप्रैल,1938 को कोझिकोड में के चंदू और पद्मावती की सबसे बड़ी बेटी के रूप में हुआ था। उन्हें कोडुवैली जीएचएसएस की शिक्षिका के रूप में अनुभव था और वह सरकारी प्रशिक्षण कॉलेज, कोझिकोड से मुख्य शिक्षिका के रूप में सेवानिवृत्त हुईं।
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