छह मतदान केंद्र ऐसे जहां आज भी नहीं चलता मोबाइल

बिलासपुर। पहाड़ और जंगलों से घिरे जिले के आधा दर्जन मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां मोबाइल में नेटवर्क ही नहीं रहता। इसे देखते हुए इन मतदान केंद्रों को शैडो जोन बनाया गया है। बगैर नेटवर्क के यहां पर पोलिंग पार्टियां मतदान कराएंगी। इन समस्या को देखते हुए पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने इन मतदान केंद्रों पर अस्थायी तौर पर स्टेटिक वायरलेस सिस्टम को लगवाया है, ताकि मतदान कर्मचारी यहां से वायरलेस सेट के जरिए निर्वाचन अधिकारियों और प्रशासन के सम्पर्क में रह सकें। ये सभी मतदान केंद्र दो विधानसभा क्षेत्रों मस्तूरी और कोटा के अंतर्गत आते हैं। बाक्स हर चुनाव में रहती है समस्या विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान होना है। तब इन शैडो जोन में शांतिपूर्ण चुनाव कराने की चिंता अधिकारियों को सताने लगी है। हालांकि प्रत्येक वर्ष चुनाव के दौरान शैडो जोन का सामना चुनाव कर्मियों को करना पड़ता है। पहाड़ और जंगलों से घिरे होने की वजह से यहां शांतिपूर्ण चुनाव कराना चुनौती से कम नहीं होता है।  पुलिसकर्मी हो या मतदान कर्मी सभी को इस क्षेत्र में कार्य करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। बॉक्स आसपास के क्षेत्र में भी नहीं रहता नेटवर्क जिले में कुल 1,699 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से छह ऐसे मतदान केंद्र हैं जो शेडो जोन के रूप में चिह्नित किए गए हैं। इन क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं रहता। मोबाइल काम नहीं करता है। इसके कारण सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं होता। इन मतदान केंद्रों में चुनाव के दौरान मैसेंजर की व्यवस्था कर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है। आज के समय में यह कार्य बहुत जटिल और चुनौती भरा होता है। सुरक्षा कर्मियों के लिए तो यह और भी बड़ी चुनौती बन जाती है। मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र- खोंदरा गांव का शासकीय प्राथमिक शाला भवन खोंदरा ग्राम कनई (वनग्राम) का शासकीय प्राथमिक शाला भवन कनई कोटा विधानसभा क्षेत्र ग्राम बगधरा ग्राम सरगोड़ ग्राम कुरदुर ग्राम उमरिया वर्जन छह शैडो मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण पुलिस वायरलेस सेट से पोलिंग पार्टियां संपर्क में रहेंगीं। इसके अलावा यहां अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात रहेंगे। - संतोष कुमार सिंह एसपी, बिलासपुर