अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज

 बिलासपुर। अपोलो हॉस्पिटल में इलाज करने के दौरान मरीज की मौत हो गई थी। इस मामले में पीएम रिपोर्ट के आधार पर सरकंडा पुलिस ने अपोलो प्रबंधन के डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। पेट दर्द की शिकायत पर अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती युवक की मौत हुई तो प्रबंधन ने जहर का केस बता दिया। फोरेंसिक व पुलिस की जांच में जहर के कारण मौत की जानकारी नहीं आई। इसके आधार पर पुलिस ने अपोलो प्रबंधन और डॉक्टरों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। दयालबंद आदर्श कॉलोनी निवासी गुरवीन छाबड़ा उर्फ गोल्डी (29) की 26 दिसंबर 2023 दिसंबर को अपोलो हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। 25 दिसंबर को पेट दर्द होने पर स्वजन ने उसे भर्ती कराया था। इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। इसके बाद नाराज स्वजन ने अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों पर गलत इलाज करने का आरोप लगाया था। अपोलो हॉस्पिटल ने जहर के कारण मौत होने की जानकारी दी थी। सिम्स में पोस्टमार्टम के बाद विसरा प्रिजर्व किया गया था। स्टेट फोरेंसिक लैब में इसकी जांच कराई गई। इसमें यह पाया गया कि जहर खाने के कारण मौत नहीं हुई है। इस संबंध में संभागीय मेडिकल बोर्ड ने जांच की। दो फरवरी को जांच रिपोर्ट में कई खामियाँ बताई गई। पुलिस ने अपने स्तर पर जांच कराई। इलाज करने वाले डॉक्टर ने जहर सेवन का मामला होने के बाद भी पुलिस को जानकारी नहीं दी थी। शव को स्वजन को सौंप दिया था। यह बड़ी लापरवाही सामने आई। इसकी पुष्टि डॉ. विकास कुमार ध्रुव प्रभारी निदेशक मेडिको लीगल संस्थान गृह (पुलिस) के अभिमत से हुई मौत के लिए अपोलों प्रबंधन और डॉक्टर को जिम्मेदार माना गया है।