कुरियर भेजने के नाम पर लोगों से ठगी

रायपुर। लोगों को ठगने के लिए ठग रोज नई तरकीब निकालते हैं। कभी वे बैंक कर्मचारी बनकर लोगों के बैंक खातों में सेंध लगाने की कोशिश करते हैं तो कभी किसी दूसरे तरीके से पैसे ऐंठ लेते हैं। अब जालसाजों ने देश की बड़ी कुरियर कंपनियों के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करनी शुरू की है। इस नए तरह के स्कैम कि शिकायत पुलिस के पास पहुंची है। साइबर पुलिस ने अलर्ट रहने कहा है। छह शिकायत पुलिस के पास पहुंची है। इसमें पांच डाक्टर हैं। उनके आधार कार्ड के नंबर भी ठगों के पास रहते हैं। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि आरोपितों के नंबर ताइवान के हैं। हालांकि ठगी नहीं हुई है। धोखेबाज फैडएक्स, ब्लू डार्ट आदि जैसी प्रतिष्ठित कुरियर कंपनियों का उपयोग कर रहे हैं। प्रार्थी ने पुलिस को शिकायत में बताया कि उसे फोन कर कहा गया कि उसके द्वारा कुरियर विदेश भेजा गया है। कुरियर में हेरोइन है। उसने प्रार्थी का आधार कार्ड का नंबर भी बता दिया। फोन करने वाला यह कह कर डराने लगा कि पार्सल पुलिस ने पकड़ लिया है। इसके बाद उसने कहा कि मुंबई पुलिस के अधिकारी से बात कर लें। इसके बाद एक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को मुंबई पुलिस से होने का दावा किया। इसके बाद स्काइप एप डाउनलोड करने के लिए कहा। उसने वीडियो काल की लेकिन उसमें किसी का चेहरा नहीं दिखा लेकिन मुंबई पुलिस का लोगो था। ऐसे में प्रार्थी डर गया। खुद को पुलिस वाला बताने वाले ने कहा कि जब तक मामला क्लियर नहीं हो जाता तब तक पैसे दूसरे खाते में जमा करने होंगे। प्रार्थी को एक खाता नंबर भी भेज दिया गया। हालांकि प्रार्थी ने पैसे जमा नहीं किए और इसकी सूचना सीधे साइबर सेल को दी। साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर आपने कोई आर्डर बुक नहीं किया तो फोन करने वाले को साफ इनकार कर दें। उसे बताएं कि हमने कोई आर्डर बुक नहीं किया। किसी भी अनजान के साथ अपना ओटीपी शेयर ना करें। जो आपसे ओटीपी मांग रहा है, उसका वेरिफिकेशन जरूर करें। डिलिवरी पैकेज के लिए पैसे देने से पहले उसे ओपन करके ये चेक कर लें कि आपको सही डिलिवरी मिली भी है या नहीं। एक्सपर्ट बताते हैं कि ऐसे भी कई मामले हैं, जहां लोग लालच में आकर कूरियर रिसीव कर लेते हैं। फिर डिलिवरी बाय को अपना ओटीपी भी शेयर कर देते हैं। इसके अलावा कुरियर भेजेने का भी झांसा दिया जाता है। आधार कार्ड नंबर होने की बात सुनते ही लोग डर जाते हैं। और झांसे में आने लगते हैं। इन सब से बचना है। पुलिस ने शिकायत करने पहुंचे सभी पांच डाक्टरों से बात की। उनमें सब में एक बाद एक जैसी रही है। पुलिस को भी शक था कि आखिर आधार नंबर और नाम ठगों के पास कैसे पहुंच रहा। पूछताछ में पता चला कि सभी डाक्टर किसी न किसी सेमीनार या कांफ्रेंस में दिल्ली, मुंबई सहित अन्य शहरों में होटल में रूके थे। वहां अपना आधार कार्ड दिया था। अंदेशा है कि आधार का डाटा वहीं से बेचा जा रहा है। रायपुर साइबर प्रभारी गौरव तिवारी ने कहा, कुरियर भेजने के नाम पर लोगों से ठगी का प्रयास किया जा रहा है। अब तक प्राप्त शिकायत में डाक्टर ज्यादा हैं। ठगों के पास उनके आधार नंबर भी हैं। जांच में सामने आया है कि जिस नंबर से फोन किया जा रहा वो ताइवान के हैं। वहीं के कोड से फोन किया जा रहा। अगर कोई कुरियर के नाम पर डराता है तो पुलिस को तत्काल सूचना दें। किसी को पैसे न दें।