नाई की दुकान से 25 करोड़ की चोरी तक का सफर तय किया लोकेश ने

 

 भिलाई। बिलासपुर और दिल्ली में 25 करोड़ रुपये के जेवर चोरी करने वाला शातिर चोर लोकेश 10 साल पहले तक कवर्धा में नाई की दुकान चलाता था। उसने अपनी दुकान आने वाले अजय नाम के चोर से चोरी का हुनर सीखा। इसके बाद उसने चोरियों का सिलसिला शुरू किया। लोकेश ने पहली चोरी कवर्धा में ही की थी। गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे खैरागढ़ उपजेल में बंद किया गया था। जहां से वो दीवार फांदकर भाग गया था और दुर्ग आ गया था। दुर्ग बस स्टैंड से उसने एक बाइक चोरी की और पावर हाउस आया और एक कपड़ा दुकान, एक सेलून और सुपेला के कपड़ा दुकान में सिलसिलेवार तीन चोरियां की थी और फिर उसने आकाशगंगा सुपेला के ज्वेलरी दुकान में तीन करोड़ रुपये के जेवर चोरी किए थे। पावर हाउस और सुपेला की दुकानों में आठ साल पहले चोरी करने के बाद वो पहली बार दुर्ग पुलिस के हत्थे चढ़ा था। जेल से छूटने के बाद लोकेश ने फिर से सुपेला के सुमित बाजार, तीनदर्शन मंदिर के सामने स्थित एवीएन आटो शो रूम और सुपेला चौक के पास के एक कपड़ा दुकान में दूसरी बार चोरी की। वो फिर से पकड़ा गया और जेल से छूटने के बाद करीब तीन साल पहले आकाशगंगा सुपेला के पारख ज्वेलर्स से तीन करोड़ रुपये के जेवर चुराए थे।  ज्वेलरी दुकान में चोरी करने के लिए वो बगल की निर्माणाधीन बिल्डिंग की छत से पारख ज्वेलर्स की छत पर गया। छत पर ही उसने पूरी रात बिताई और दो रात तक दुकान में रुककर उसने जेवर चोरी किए थे। जेवर चोरी करने के बाद वो ज्यादा दूर नहीं गया, बल्कि दुर्ग बस स्टैंड के रैन बसेरा में जाकर छिपा था। जहां से उसे गिरफ्तार किया गया। उससे पूरे जेवर बरामद किए गए थे। उस घटना के बाद पुलिस ने लोकेश को शातिर चोरों की सूची में शामिल किया और उस पर विशेष नजर रखने लगी। पुलिस की सख्ती के बाद उसने दुर्ग जिले में कोई चोरी नहीं की। दो साल पहले उसने तेलांगना में करोड़ों रुपये के जेवर चुराए थे और अब दिल्ली और बिलासपुर में चोरियां की। चोरी के बाद वो स्मृति नगर में आ गया था। स्मृति नगर चौकी क्षेत्र में उसकी उसकी बहन का घर है। अपनी बहन के घर के पास ही उसने एक किराये का मकान लिया और छिपा हुआ था। जहां से उसे बिलासपुर पुलिस ने दुर्ग पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया। आरोपित लोकेश श्रीवास शादीशुदा है। उसने अजय से चोरी का हुनर इसलिए सीखा था, ताकि उसके पास ढेर सारे पैसे हो और वो अपनी पत्नी को हर सुख दे सके। लेकिन, चोरी की आदत के चलते ही उसकी पत्नी उसे छोड़ चुकी है। कवर्धा में ही उसकी पत्नी अपनी एक बेटी के साथ अपने मायके में रहती है। जिलाबदर होने के कारण लोकेश अपने घर भी नहीं जाता है। आरोपित लोकेश श्रीवास का घर कवर्धा में है, इसलिए कवर्धा पुलिस ने उसे निगरानी श्रेणी में रखा और उसे जिलाबदर किया था। जिलाबदर किए जाने के बाद वो कवर्धा और उसकी सीमा से लगे जिलों में नहीं रह सकता था।