नई
दिल्ली। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद से देश में
सियासी पारा चढ़ गया है। पहली बार पूरा विपक्ष एक साथ नजर आ रहा है। सवाल
यही है कि क्या प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम पर या मिलकर चुनाव
लड़ने के नाम पर भी यह भाईचारा बना रहेगा? अखिलेश यादव का ताजा बयान इस तरफ
संकेत दे रहा है। सपा प्रमुख ने शनिवार सुबह कहा कि कांग्रेस को अब फैसला
लेना चाहिए और क्षेत्रीय दलों को आगे करना चाहिए। एक तरह से अखिलेश ने कह
दिया है कि राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस पीछे हट जाए और
क्षेत्रीय दलों को आगे करके, उनके सहारे 2024 का लोकसभा चुनाव लड़े। अखिलेश
यादव के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
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