रायपुर।
छत्तीसगढ़ में वर्षों से बड़े पैमाने पर चल रहे फार्मासिस्ट फर्जीवाड़े में
छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल (सीजीएसपीसी) के अधिकारी-कर्मचारियों पर
विभाग पहले से ही मेहरबान है। अब पुलिस भी मेहरबानी दिखा रही है। पुलिस
फर्जी फार्मासिस्टों पर तो कार्रवाई कर रही है, लेकिन लाखों रुपये लेकर
फर्जी पंजीयन देने वाले विभाग के जिम्मेदारों पर अब तक कार्रवाई तो दूर
पूछताछ तक नहीं हुई है। ऐसे में सीजीएसपीसी के निर्वाचित सदस्यों ने पुलिस
की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। काउंसिल के वर्तमान निर्वाचित सदस्य
अश्वनी गुर्देकर, अजय सिंह राजपूत, हीराशंकर साहू, अश्विनी विग, छत्तीसगढ़
मेडिकल काउंसिल के प्रतिनिधि डा. राकेश गुप्ता ने बताया कि राज्य में
फार्मासिस्ट फर्जीवाड़े का राजफाश होने के बाद राज्य स्तरीय जांच समिति
बैठी। तीन माह में करीब 4,000 दस्तावेजों के परीक्षण किए गए। इसमें से 500
पंजीयन संदिग्ध पाए गए थे। इसमें 270 फर्जी फार्मासिस्टों के दस्तावेज
पुलिस को सौंपे गए। इसमें से सिर्फ 28 पर कार्रवाई हुई है, जबकि बाकी फर्जी
फार्मासिस्टों पर कार्रवाई नहीं हुई।
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