टिकैत ने कहा : केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें गरीबों का जमीन उद्योगपतियों को देने की फिराक में


  कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा द्वारा गंगानगर में आयोजित विस्थापन पीड़ितों की संघर्ष सभा में गंगानगर में टिकैत जमकर गरजे, बादल झूमकर बरसे। सभा में उपस्थित हजारों किसानों को उन्होंने विस्थापन के खिलाफ एकजुट संघर्ष करने का मंत्र दिया और कहा कि यदि केंद्र और राज्य की सरकारें जनता की आवाज नहीं सुनती, तो आंदोलनों की धमक से इन बहरी सरकारों को अपनी आवाज सुनाने के लिए देश की जनता तैयार है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह भूमि-विस्थापन के खिलाफ आम जनता के लड़ाकूपन का प्रतीक है और इस लड़ाई में वे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, उनके साथ मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि हसदेव हो या कोरबा या हो बस्तर, केंद्र और राज्य दोनों सरकारें मिलकर उद्योगपतियों को जमीन देना चाहती है और इसके लिए गरीबों से जमीन छीनना चाहती है। आज छत्तीसगढ़ में जमीन बचाने की लड़ाई ही सबसे बड़ी लड़ाई है और पूरे छत्तीसगढ़ में 22 जगहों पर आंदोलन चल रहे हैं। इस संघर्ष को सभी संगठनों की पहलकदमी से साझा मोर्चा बनाकर और मजबूत करना होगा। टिकैत ने कहा कि मजदूर-किसानों की एकजुटता का यही संदेश लेकर आज संयुक्त किसान मोर्चा के 40 नेता पूरे देश का दौरा कर रहे हैं और इसी उद्देश्य से वे छत्तीसगढ़ के प्रवास पर है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि किसान आंदोलनों से सरकार बातचीत करें या फिर उनके गुस्से का सामना करें।