सुरक्षा बलों की बढ़ती पैठ से कमजोर पड़े नक्‍सली

 

जगदलपुर। छत्‍तीसगढ़ के बस्तर में बैकफुट पर जा चुके नक्सली अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। तीन वर्ष बाद उन्होंने फिर टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) शुरू किया है। आमतौर पर नक्सली गर्मियों के मौसम में फरवरी से जुलाई तक बड़े हमले करते रहे हैं। अब छोटे हमले से उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। 2021 में उन्होंने बीजापुर जिले के टेकलगुड़ेम फोर्स पर बड़ा हमला किया था, जिसमें 22 जवानों ने बलिदान दिया था। इससे पहले ताड़मेटला, बुरकापाल, झीरम घाटी आदि जगहों पर गर्मी के मौसम में ही बड़ी घटनाएं हुई हैं। अब स्थिति बदल गई है। टेकलगुड़ेम मुठभेड़ के बाद फोर्स ने अंदरूनी क्षेत्रों में 20 कैंप स्थापित किए हैं। बीते चार वर्ष में 54 कैंप बनाए गए हैं। नक्सली चारों ओर से घिर चुके हैं। आधार क्षेत्र में सुरक्षा बल के नए कैंप स्थापित किए जाने के बाद नक्सली युद्ध नीति बदलने पर मजबूर दिख रहे हैं। ऐसे में वह छोटे हमले कर अपनी मौजूदगी दिखा रहे हैं। शुक्रवार को जगरगुुंडा में तीन जवानों की हत्या की, शनिवार को नारायणपुर में विस्फोट में एक जवान बलिदान हुआ। इसी महीने उन्होंने और भी हत्याएं की हैं।