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रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण विवाद और गहरा गया है। राज्यपाल ने अब आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करने के लिए मार्च की डेटलाइन तय की है। यहां विधानसभा में तीन दिसंबर 2022 को आरक्षण संशोधन विधेयक पास किया गया था। इसके बाद से राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए लटका हुआ है। राज्यपाल ने कहा कि अलग-अलग समाज से आवेदन आ रहे हैं, उस पर विचार के बाद ही निर्णय होगा। राज्यपाल ने अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी। उसमें प्रतिनिधिमंडल ने एसटी के लिए 32 और एससी के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। राज्यपाल के मार्च तक की डेटलाइन देने के बाद कांग्रेस ने आपत्ति की है। कांग्रेस ने कहा कि राज्यपाल के कारण युवाओं की नौकरी लटक गई है। मालूम हो कि राज्यपाल अनुसुईया उइके से राजभवन में प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज एवं गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ के संयुक्त प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने राज्यपाल से कहा कि राज्य सरकार कई विभागों में बिना रोस्टर नियम का पालन किए, पदोन्नति देने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आरक्षण नियम का पालन नहीं करने से अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के हित प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही प्रतिनिधियों ने राज्यपाल से आग्रह किया कि वे राज्य शासन को निर्देशित करें कि संवैधानिक प्रावधान एवं जनसंख्या के आधार पर हमें 16 प्रतिशत आरक्षण और अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का अनुरोध किया।
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