कितने बार टॉइलट जाते हैं, इससे पता चलता है कार्डिएक अरेस्ट होने का खतरा

 

मुंबई, दिल का दौरा कहीं भी पड़ सकता है। हालांकि बाथरूम में कार्डिएक अरेस्ट के कई केस रिपोर्ट किए जाते हैं। इसकी वजह यह सामने आई है कि नहाने या टॉइलट जैसी ऐक्टिविटीज हार्ट को ट्रिगर करके कार्डिएक अरेस्ट की वजह बन सकती हैं। वैसे दिल की बीमारी की मुख्य वजह लाइफस्टाइल को माना जाता है। अब एक रिसर्च में सामने आया है कि आप कितने बार फ्रेश होने जाते हैं, इससे आपका हार्ट फेल होने का खतरा पता चलता है। यहां जानें बार-बार टॉइलट जानें या न जाने का हार्ट से कनेक्शन...
ये थी रिसर्च

इस रिसर्च में 30 से 79 साल के 487, 198 लोगों ने हिस्सा लिया था। डेटा China Kadoorie Biobank से लिया गया था। स्टडी के शुरुआत में हिस्सा लेने वालों में कैंसर, हार्ट डिसीज या स्ट्रोक जैसी कोई दिक्कत नहीं थी। 10 साल तक इनका फॉलोअप किया गया। रिसर्च में सामने आया कि जो लोग दिन में एक से ज्यादा बार पेट साफ करने जाते हैं उनमें इस्कीमिक हार्ट डिसीज का खतरा ज्यादा रहता है। इस्कीमिक हार्ट डिसीज को कोरोनरी हार्ट डिसीज भी कहते हैं। इसमें हार्ट अटैक होने का खतरा रहता है।

कम टॉइलट जाने से भी खतरा

स्टडी में यह भी सामने आया कि जिस तरह से ज्यादा बार टॉयलट जाना दिक्कत देता है उसी तरह कम बार जाना भी ठीक नहीं होता। रिसर्च में सामने आया कि जिनको कब्ज की शिकायत होती है उन्हें भी हार्ट, किडनी की बीमारी और स्ट्रोक होने का खतरा रहता है। स्टडी में यह पता चला कि आपके टॉइलट जाने की फ्रीक्वेंसी का कनेक्शन भविष्य में आपको हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट होने से है। हार्ट के पेशेंट्स को इस स्टडी से पहले भी कॉन्स्टिपेशन की समस्या देखी जाती रही है।
नहाने से भी पड़ता है तनाव

बार-बार टॉइलट जाने (Bowel Movement) पर लोग जोर लगाते हैं। लोगों का इस ओर ध्यान नहीं जाता लेकिन इससे आपके दिल पर तनाव पड़ता है। अगर आपका दिल पहले से ही कमजोर है तो इससे सडन कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है। ज्यादा ठंडे या ज्यादा गरम पानी से नहाने से भी दिल को खतरा रहता है। नहाते वक्त आपका शरीर तुरंत टेम्परेचर मेनटेन करने लगता है। इससे आपकी धमनी और शिराओं पर तनाव पड़ता है।
डाइजेस्टिव सिस्टम का रखें ध्यान

अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें कॉन्स्टिपेशन रहता है या बार-बार फ्रेश होने के लिए जाना पड़ता है तो आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। पानी पीते रहना, वॉक करना और फाइबर वाला खाना लेना, कई तरीके हैं जो आपकी इस समस्या को दूर कर सकते हैं। वहीं हार्ट अटैक के किसी भी लक्षण को हल्के में न लें।