भाजपा ने उठाए सवाल तो स्कूल शिक्षा मंत्री बोले- आए दिन होते रहते हैं इस तरह के सर्वे

 

रायपुर । शिक्षा मंत्रालय की ओर से देशभर में कराए गए नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 को लेकर प्रदेश में सियासी घमासान मच गया है। एक तरफ भाजपा ने राज्य सरकार को घेरा है तो दूसरी ओर शिक्षकों संघों ने भी शिक्षा के गिरते स्तर का पूरा ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि जब तक शिक्षक और बच्चों को प्रयोगशाला बनाकर रखा जाएगा, तब तक शिक्षा का स्तर सुधरना नामुमकिन है। एसोसिएशन ने सर्वे रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ की स्थिति खराब होने के लिए सरकार की नीतियों को ही जिम्मेदार ठहराया है। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, डा. कोमल वैष्णव, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढ्य व प्रांतीय कोषाध्यक्ष शैलेंद्र पारीक ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के स्कूली शिक्षा का स्तर गिरना बहुत ही गंभीर व चिंतन का विषय है। विभाग के अधिकारी स्कूल को प्रयोगशाला बना दिए हैं, जिसके कारण इसे सुधार पाना मुश्किल हो गया है। एसोसिएशन का कहना है कि शिक्षकों से 365 दिन में 366 जानकारियां मांगी जाती हैं। इससे पढ़ाने के लिए समय ही नहीं मिल पाता। गौरतलब है कि नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 में प्रदेश के कक्षा तीसरी, पांचवीं, आठवीं और 10वीं कक्षा के बच्चे लगभग सभी विषयों में राष्ट्रीय औसत से नीचे अंक हासिल किए हैं। देश में उनका स्थान 30 राज्यों से पीछे है।

स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में राज्य सरकार फिसड्डी साबित: केदार  

राज्य के पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने इस मामले में राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए डा. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान चलाया गया था। उस समय छत्तीसगढ़ नेशनल अचीवमेंट सर्वे में 18वें स्थान पर था। वर्तमान में कांग्रेस की सरकार आने के बाद शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर हो गई है। हालत यह है कि हम 30 राज्यों से भी नीचे चले गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केवल आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय की ब्रांडिंग में लगी हुई है। उसके अलावा बाकी सरकारी स्कूलों पर कोई ध्यान नहीं है। प्रदेश के 60 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है और राज्य सरकार अपनी झूठी वाहवाही में मस्त है। 

केंद्र का सर्वे चंद बच्चों पर है: डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम

राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इस रिपोर्ट पर भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि इस तरह के सर्वे आए दिन होते रहते हैं। केंद्र सरकार की ओर से कराए गए इस सर्वे में बच्चों का सैंपल चंद हजार बच्चों पर ही था। इसलिए यह कहना कि शिक्षा में हम बुरी तरह पिछड़े हैं, यह कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि कोरोनाकाल में स्कूल नहीं खुल पाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। आने वाले शिक्षा सत्र में बच्चों के शिक्षा के स्तर को और बेहतर करने के लिए हम रणनीति तय कर रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में बच्चे ठीक प्रदर्शन करेंगे।