बिलासपुर। रेलवे ने थोक में ट्रेनों का परिचालन रद कर दिया है। इसका असर है कि हमेशा यात्रियों की भीड़ से चहल- पहल रहने वाले जोनल स्टेशन में सन्नाटा पसरा हुआ है। खासकर प्लेटफार्म, एक, छह व सात- आठ में ढूंढने से भी यात्री नजर नहीं आ रहे हैं। दरअसल कटनी रेल खंड की ट्रेनें इन्हीं प्लेटफार्म से गंतव्य के लिए रवाना होती है। कोयला परिवहन के लिए रेलवे ने एक या दो नहीं, बल्कि एक साथ 34 ट्रेनें रद कर दी है। इन ट्रेनों का परिचालन दूसरी बार थमा है। इससे पहले पांच से 24 मई तक यात्रियों को ट्रेन सुविधा मिलने में परेशानी हो रही थी। उम्मीद थी कि 24 मई से परिचालन सामान्य हो जाएगा। पर रेलवे ने यात्रियों को झटका दिया और यह घोषणा कर दी 24 जून तक ट्रेनें नहीं चलेंगी। रेलवे के इस निर्णय का जमकर विरोध हो रहा है। पिछले दिनों जोन संघर्ष समिति ने केंद्रीय रेल मंत्री का पुतला भी फूंका। पर रेलवे पर किसी भी विरोध का असर नहीं पड़ रहा है। वह अपने निर्णय में अडिग है। इधर ट्रेन सुविधा नहीं मिलने से यात्रियों की दिक्कतें बढ़ गईं है। जिन्हें ट्रेन रद होने की जानकारी नहीं है ऐसे यात्री स्टेशन पहुंचते हैं। पर उन्हें उल्टूे पैर लौटन पड़ रहा है। दोपहर 12 बजे के बाद तो स्टेशन में सन्नाटा पसर जाता है। रविवार को भी यही स्थिति थी। आठ प्लेटफार्म के इस रेलवे स्टेशन में यात्री ढूंढने से भी नहीं मिल रहे थे। जनरल टिकट काउंटर में बैठ रेलकर्मी आराम फरमाते नजर आए। थोड़ी बहुत भीड़ इंक्वायरी में नजर आई। पर वही यह जानना चाह रहे थे कि रद ट्रेनों के बदले वैकल्पिक व्यवस्था मिल जाए। इससे कम से कम गंतव्य पर पहुंच तो सकते हैं। पर रात नौ बजे के बाद ही इस सेक्शन पर ट्रेन थी। दुर्ग- भोपाल जाने वाली अमरकंटक एक्सप्रेस में रोज अतिरिक्त भीड़ नजर आ रही है। इसके चलते यात्रियों को अव्यवस्थाओं का सामना भी करना पड़ रहा है।
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