प्रदेश में राजस्व प्रकरणों में अब नहीं चलेगी मनमानी, विलंब हुआ तो देना पड़ेगा जवाब

 

रायपुर । छत्‍तीसगढ़ में जाति, मूल निवास व आय प्रमाण पत्र के साथ जमीन का नामांतरण सहित राजस्व जुड़े मामलों में अब पटवारी और तहसीलदार मनमानी नहीं कर पाएंगे। क्योंकि राजस्व से जुड़े आवेदनों की मानिटरिंग अब सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव, विभागीय सचिव के साथ सभी कलेक्टर करेंगे। सरकार ने इसके लिए आनलाइन पोर्टल शुरू किया है। ऐसे में राजस्व अफसरों को लोक सेवा गारंटी योजना में तय समय-सीमा में आवेदनों का निराकरण करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उन्हें आनलाइन ही विलंब की वजह लिखित में बतानी पड़ेगी।

अफसरों केअनुसार इस व्यवस्था में हर एक आवेदन की मानिटरिंग आसानी से होगी। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के अनुसार पोर्टल से राजस्व के प्रकरणों के निराकरण में सुविधा होगी। इससे लोगों को राहत मिलेगी। पोर्टल के माध्यम से प्रकरणों का समय पर निराकरण हो, इसके लिए मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव और विभागीय सचिव के साथ सभी जिला कलेक्टर मानिटरिंग कर सकेंगे। राजस्व विभाग के अफसरों ने बताया कि भुइयां साफ्टवेयर के माध्यम से ही आनलाइन मानिटरिंग के लिए पोर्टल बनाया गया है।