'मोदी छाप' होगी सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट, दिल्ली में आज फिर चल रहा मंथन

 


नई दिल्ली, योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के सीएम की शपथ लेने वाले हैं। इससे पहले भाजपा उनकी कैबिनेट में किसे क्या जगह मिलेगी, इस पर मंथन करने में जुटी है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि योगी 2.0 सरकार पर भी पीएम नरेंद्र मोदी की पूरी छाप देखने को मिलेगी। यही वजह है कि यूपी में सरकार गठन को लेकर दिल्ली में लगातार बैठकों का दौर जारी है। इस बीच होम मिनिस्टर अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष और राज्य के चुनाव प्रभारी रहे धर्मेंद्र प्रधान की दिल्ली में मीटिंग चल रही है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ 45 मंत्रियों के साथ शपथ ले सकते हैं। बुधवार को भी योगी आदित्यनाथ ने होम मिनिस्टर अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। भाजपा के आंतरिक सूत्रों ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की यूपी में सरकार गठन पर नजर है और उन्हें विश्वास में लेते हुए ही सारे फैसले लिए जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस बात को लेकर इनकार किया कि कैबिनेट को लेकर किसी तरह का मतभेद और इसी के चलते शपथ ग्रहण समारोह में देरी की जा रही है। हालांकि किसी भी फैसले को लेकर नेता पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। अब तक यह भी मालूम नहीं चला है कि किसे डिप्टी सीएम रखा जाएगा और इनकी संख्या कितनी होगी। 

केशव प्रसाद मौर्य को एक और मौके की उम्मीद

सिराथू से चुनाव हारने वाले केशव प्रसाद मौर्य के अलावा दिनेश शर्मा के भविष्य को लेकर भी कयास लग रहे हैं। लेकिन उत्तराखंड में हार के बाद भी पुष्कर धामी को कमान मिलने के बाद से केशव प्रसाद मौर्य के लेकर भी उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें फिर से मौका मिलेगा। कैबिनेट की बात करें तो नेताओं का कहना है कि सभी समुदायों के सही प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। दरअसल भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि उसे सभी का समर्थन हासिल है और बदले में वह भी हर बिरादरी को साथ लेकर चलना चाहती है। हालांकि ओबीसी, दलित समाज पर उसका खास फोकस होगा। 

इस बार महिलाओं को मिल सकता है ज्यादा मौका

इसके अलावा महिला कार्ड चलकर भी भाजपा एक संदेश देने का प्रयास कर सकती है। चर्चा है कि महिला मंत्रियों की संख्या इस बार ज्यादा होगी। यहां तक कि विधान परिषद के कुछ सदस्यों को भी मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई जा सकती है। यही नहीं भविष्य में कैबिनेट विस्तार के लिए भी कुछ पद खाली रखे जाएंगे। गौरतलब है कि 403 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को कुल 274 सीटें हासिल हुई हैं।