कोरोना की नयी लहर से सफलता के साथ लड़ रहा है भारत : प्रधानमंत्री मोदी

 

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना की नयी लहर से भारत बहुत सफलता के साथ लड़ रहा है तथा अपने देश में बने टीके पर लोगों का भरोसा ‘हमारी बहुत बड़ी ताकत’ है. आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात कार्यक्रम’ में प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘ कोरोना की नयी लहर से भारत बहुत सफलता के साथ लड़ रहा है और यह गर्व की बात है कि अब तक करीब साढ़े चार करोड़ बच्चों ने कोरोना रोधी टीके की खुराक ले ली है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि 15 से 18 साल आयु-वर्ग के लगभग 60 प्रतिशत युवाओं ने तीन से चार हफ्ते में ही टीके लगवा लिए हैं. इससे न केवल हमारे युवाओं की रक्षा होगी बल्कि उन्हें पढाई जारी रखने में भी मदद मिलेगी. मोदी ने कहा कि एक और अच्छी बात यह भी है कि 20 दिन के भीतर ही एक करोड़ लोगों ने एहतियाती खुराक भी ले ली है. देशी टीके पर देशवासियोँ के भरोसे को बड़ी ताकत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब कोरोना संक्रमण के मामले भी कम होने शुरू हुए हैं जो बहुत सकारात्मक संकेत है. लोग सुरक्षित रहें, देश की आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बनी रहे – हर देशवासी की यही कामना है.’’ इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने देश की वयस्क आबादी में से 75 प्रतिशत का टीकाकरण पूरा होने पर रविवार को देशवासियों को इस ”महत्वपूर्ण उपलब्धि” के लिए बधाई दी और कहा कि उन्हें उन सभी लोगों पर गर्व है, जो टीकाकरण अभियान को सफल बना रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर बताया था कि भारत ने 75 प्रतिशत वयस्क आबादी के कोविड टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया है. प्रधानमंत्री ने उनके इस ट्वीट को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा, ”सभी वयस्कों में से 75 प्रतिशत का टीकाकरण पूरा हो चुका है. इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिये देशवासियों को बधाई.” मोदी ने ट्वीट किया, ”टीकाकरण अभियान को सफल बना रहे सभी लोगों पर गर्व है.” भारत में कोविड-19 रोधी टीके की अब तक 165.70 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पिछले साल सितम्बर से देश में शुरू हुए विद्यांजलि अभियान का भी उल्लेख किया जिसका उद्देश्य अलग-अलग संगठनों, कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) और निजी क्षेत्र की भागीदारी से देशभर के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है. मोदी ने कहा कि विद्यांजलि सामुदायिक भागीदारी और स्वामित्व की भावना को आगे बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि अपने स्कूल, कालेजों से निरंतर जुड़े रहना, अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ योगदान देना यह एक ऐसी बात है जिसका संतोष और आनंद अनुभव लेकर ही पता चलता है. उन्होंने इस संदर्भ में आईआईटी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय व केंद्रीय विश्वविद्यालयों के योगदान का भी जिक्र किया. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में राजा महेंद्र प्रताप ंिसह के योगदान का भी उल्लेख किया .