छत्तीसगढ़ी भाषा को लेकर नौकरशाहों ने सरकार को केवल गुमराह किया

 


रायपुर । छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच ने रायपुर प्रेस क्लब में संगोष्ठी का आयोजन किया। मंच के संरक्षक नंदकिशोर शुक्ल ने कहा कि कैसे राज्य निर्माण से लेकर अब तक 21 साल में छत्तीसगढ़ी के साथ छल हुआ है। राज्य के नौकरशाहों ने सरकार को गुमराह करने का काम किया है। छत्तीसगढ़ी को छत्तीसगढ़ी भाषी प्रांत में शामिल नहीं करने के कारण आज भी हमें संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकार को तत्काल प्राथमिक शिक्षा छत्तीसगढ़ी में देनी चाहिए।

इस मौके पर प्रदेश भर से छत्तीसगढ़ी के लिए काम करने वाले लोगों ने मांग की कि प्राथमिक शिक्षा छत्तीसगढ़ी में हो। इसके लिए स्कूल-स्कूल, गांव-गांव जन-जागरण चलाया जाएगा। साथ ही सरकार से अपील भी की गई है कि छत्तीसगढ़ी माध्यम से शिक्षा देने का जो एलान सरकार ने किया था, उसे पूरा करें।

घोषणा पर अमल नहीं, कोर्ट जाकर लड़ाई लड़नी पड़ रही है

छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना की अध्यक्ष लता राठौर ने कहा कि सरकार ने घोषणा पर अमल नहीं किया, इसलिए आज हमें कोर्ट में जाकर लड़ाई लड़नी पड़ रही है। अब न्यायालय से अपना हक लेकर रहेंगे। वहीं पद्मश्री अनूप रंजन पांडेय ने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए लोगों को अपनी मातृभाषा के लिए एकजुट होना पड़ेगा। साहित्यकार संजीव तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार राम अवतार तिवारी, पूर्व संस्कृति सलाहकार अशोक तिवारी, साहित्यकार डा. सुधीर शर्मा ने भी अपने विचार रखे।

युवाओं ने न्यायधानी से राजधानी तक निकाली साइकिल

छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए न्यायधानी बिलासपुर से 10 युवाओं ने करीब 125 किलोमीटर की साइकिल यात्रा राजधानी रायपुर तक निकाली। युवाओं ने साइकिल यात्रा के जरिए लोगों छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति जागरूक किया। रायपुर पहुंचने पर साइकिल यात्रियों का रायपुर प्रेस क्लब में छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना के सेनानियों, साहित्यकारों, लेखकों और पत्रकारों ने स्वागत किया। साइकिल यात्रियों ने मुख्यमंत्री निवास जाकर छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई-लिखाई और सरकारी काम-काज की भाषा की मांग संबंधी ज्ञापन भी सौंपा।