नरेंद्र गिरि मामले में बढ़ सकती हैं आनंद गिरि की मुश्किलें

 

 


नई दिल्ली. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या मामले में तीन मुख्य आरोपियों आनंद गिरि, अद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी का’पॉलीग्राफ टेस्ट’कराने की अनुमति मांगी है। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने तीन मुख्य आरोपियों की पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति संबंधी अर्जी 11 अक्टूबर को सीजेएम की अदालत में दाखिल की।

उन्होंने बताया कि इन आरोपियों के वकीलों ने अदालत से 18 अक्टूबर तक का समय मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी। ये तीनों आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं और नैनी जेल में निरुद्ध हैं। अग्रहरि ने बताया कि सीबीआई ने अदालत में दाखिल अर्जी में बताया है कि इन आरोपियों ने पुलिस हिरासत में सही तथ्यों की जानकारी नहीं दी और नरेंद्र गिरि की आत्महत्या से संबंधित कई चीजें छिपाईं हैं।

अर्जी के मुताबिक, च्च्महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के पीछे की सच्चाई उजागर करने के लिए इन तीन आरोपियों से वैज्ञानिक पद्धति से पूछताछ आवश्यक है जिससे इनके बयानों की सत्यता निर्धारित हो सके।” अर्जी में कहा गया है कि अदालत से आरोपियों की पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति मिलने के बाद नयी दिल्ली स्थित केन्द्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों से नैनी जेल आकर ही यह जांच करने का अनुरोध किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि नरेंद्र गिरि ने 20 सितंबर को श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में अपने कमरे में कथित तौर पर पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। गिरि ने इन तीनों आरोपियों के कथित तौर पर उकसाने पर यह कदम उठाया था।