विदेशी ई कामर्स कंपनियों से लड़ाई में कैट ने मांगा उद्योगपतियों का सहयोग

 


 रायपुर : कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा विदेशी ई कामर्स कंपनियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में देश के उद्योगपतियों से सहयोग मांगा है। कैट ने इस संबंध में प्रमुख संगठनों को पत्र भी भेजा है। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव ने बताया कि विदेशी ई कामर्स कंपनियां व्यापार पर विदेशी धन से नियम एवं कानूनों के उल्लंघन तथा ई-कामर्स पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर रही हैं। 

नियमों का ये पूरी तरह से उल्लंघन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पत्र में कहा गया है की भारत में कई प्रमुख विदेशी वित्त पोषित ई-कामर्स कंपनियों द्वारा देश के अधिनियम और कानून की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, इससे देश के छोटे व्यवसायों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है। ये कंपनियां लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना, गहरी छूट, हानि वित्तपोषण, विभिन्न ब्रांड की एक्सक्लूसिव बिक्री सहित एफडीआई नीति 2018 के प्रेस नोट संख्या 2 द्वारा सख्ती से प्रतिबंधित नियमों का खुले आम उल्लंघन कर रही हैं।  

इससे देश के निर्माताओं और विक्रेताओं को नुकसान हो रहा है। उद्योगपतियों के साथ ही कैट ने स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती, आल इंडिया ग्राहक पंचायत, फेडरेशन ऑफ़ स्माल इंडस्ट्रीज, फिक्की, सीआईआई, एसोचैम, पीएचडी चैम्बर, आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन सहित अन्य प्रमुख संगठनों को भी पत्र भेजकर बड़ा फोरम बनाने का आग्रह किया है।

जल्द लागू हो नए नियम

कैट का कहना है कि जल्द से जल्द सरकार को ई कामर्स के नए नियम लागू करने चाहिए। इससे ही देश के खुदरा व्यापार को राहत मिलेगी।