गुएल्फ (कनाडा). भविष्य की अफगान सरकार को केवल तालिबान सदस्यों तक सीमित नहीं रखकर उसका विस्तार करने पर वार्ता काबुल में चल रही है. इस वार्ता से संबद्ध अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि वे एक या दो दिनों में ‘‘कुछ अच्छा समाचार’’ आने की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी क्योंकि तब तक कोई भी नहीं चाहता है कि इस वार्ता का ब्योरा मीडिया को जारी किया जाए. वरिष्ठ तालिबान नेता आमिर खान मुत्तकी पहले ही अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई समेत काबुल के राजनीतिक नेतृत्व के साथ कई दौर की वार्ता कर चुके हैं. अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने एक बार देश के वार्ता परिषद की अगुवाई की थी. कम से कम एक दौर की वार्ता रात भर चली. ऐसा माना जा रहा है कि चर्चा इस बात पर केंद्रित थी कि तालिबान के वर्चस्व वाली सरकार पिछले 20 साल में हासिल अधिकारों के प्रति क्या और कैसा रूख रखेगी. लगता है कि आम क्षमादान एवं महिलाओं से काम पर लौटने की अपील के विषय पर प्रगति हुई और इस संबंध में घोषणाएं की जा सकती हैं. तालिबान के शासन के दौरान शिक्षा मंत्री रहे मुत्तकी ने पिछले सप्ताह के आखिर में गुपचुप तरीके से राष्ट्रपति अशरफ गनी के राष्ट्रपति भवन से चले जाने से पहले से ही अफगान राजनीतिक नेताओं के साथ संपर्क करना शुरू कर दिया था. मुत्तकी ने काबुल के तालिबान के कब्जे में आने से पहले अमेरिका सर्मिथत छत्रपों से संपर्क करने का प्रयास किया जो उनकी सरकार में व्यापक समावेश की प्रक्रिया की शुरूआत जान पड़ती है. इस वार्ता का उद्देश्य अन्य गैर तालिबान नेताओं को सरकार में लाना है जिसके बारे में तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने पहले कहा था कि यह एक ‘समावेशी अफगान सरकार’ होगी. शाहीन ने पहले एपी को बताया था कि बातचीत पूरी होने के बाद सरकार की घोषणा की जाएगी. गौरतलब है कि दो दशक तक चले युद्ध के बाद अमेरिका के सैनिकों की पूर्ण वापसी से दो सप्ताह पहले तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है.
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