16 लाख टन धान का उठाव अभी बाकी - भगत

 

रायपुर : विधानसभा में ध्यानाकर्षण में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, रंजना साहू और पुन्‍नूलाल मोहले ने धान के उठाव का मुद्दा उठाया। मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर खरीदे 92 लाख टन धान में से 13.92 लाख टन धान संग्रहण केंद्र और 2.10 लाख टन धान का उपार्जन केंद्र से उठाव बाकी है। धान की कस्टम मिलिंग चल रही है। धमतरी के 89 उपार्जन केंद्र के माध्यम से 4.27 लाख टन धान का उपार्जन किया गया।

इसमें 3.38 लाख टन राइस मिलर्स द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए उठाया गया है। वर्तमान में जिले में उठाव के लिए धान शेष नहीं है। कौशिक ने कहा कि विभाग कहता है कि सहकारी समिति इसकी भरपाई करेगी, वहीं समितियों का कहना है कि परिवहनकर्ता के द्वारा धान का उठाव नहीं करने से धान सूख रहा है। सरगुजा, राजनांदगांव, महासमुंद में धान का उठाव नहीं हो रहा है। सरकार दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। चर्चा के बाद विपक्ष के विधायकों ने मंत्री पर जवाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए बर्हिगमन किया।

जानिए बीते छह साल में कितनी खरीदी हुई

पिछले छह वर्षाें में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीकृत रकबे और कुल उपार्जित धान की मात्रा में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2015-16 में 21 लाख 26 हजार हेक्टेयर रकबे का पंजीयन हुआ था और 59 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई थी। वर्ष 2016-17 में पंजीकृत रकबा 23 लाख 42 हजार हेक्टेयर था और 69 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। वर्ष 2017-18 में पंजीकृत रकबा 24 लाख 46 हजार हेक्टेयर था और 56 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। वर्ष 2018-19 में पंजीकृत रकबा 25 लाख 60 हजार हेक्टेयर था और 80 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। वर्ष 2019-20 में पंजीकृत रकबा 26 लाख 88 हजार हेक्टेयर था और 83 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी।