बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया है कि यदि बरामदगी विश्वसनीय साक्ष्यों से सिद्ध हो जाए, तो मादक द्रव्य और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) के तहत मामूली प्रक्रियागत चूक अभियोजन को निरस्त करने का आधार नहीं बन सकती। हाई कोर्ट की यह टिप्पणी सीआरए नंबर 98/2024 की सुनवाई के दौरान आई, जो जय सिंह द्वारा दायर अपील पर थी। आरोपित जय सिंह को 117.100 किलोग्राम गांजा रखने के आरोप में दोषी ठहराया गया था। यह अपील मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत की गई थी।
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